भारतीय क्रिकेट टीम में नए कोच गौतम गंभीर के आगमन के साथ ही टीम सेलेक्शन को लेकर लगातार बहस और बवाल छिड़ा हुआ है। खासकर टी20 फॉर्मेट में कुछ बड़े नामों का प्रदर्शन चिंताजनक है, फिर भी उनकी जगह टीम में बरकरार है। जहां एक तरफ विस्फोटक बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ी टी20 टीम से बाहर हैं, वहीं शुभमन गिल को लगातार फ्लॉप होने के बावजूद जबरदस्त तरीके से टीम में फिट किया जा रहा है।
गिल की टी20 में टेस्ट मैच जैसी सुस्त पारियाँ खेलने की प्रवृत्ति के कारण, माना जा रहा है कि प्रतिभाशाली विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन को प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठना पड़ा है। फ्लॉप होने वाले बड़े नामों में टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव का नाम भी शामिल है।
साउथ अफ्रीका सीरीज में प्रदर्शन बढ़ा रहा टेंशन
भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ चल रही 5 मैचों की टी20 सीरीज में 2-1 की बढ़त जरूर बनाई है, लेकिन टीम मैनेजमेंट की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही। किसी भी टीम की जीत या हार में सबसे बड़ी जिम्मेदारी कप्तान और उप-कप्तान की होती है, लेकिन भारतीय टीम के लिए इस जिम्मेदारी को निभाने वाले दोनों ही खिलाड़ी—कप्तान सूर्यकुमार यादव और उप-कप्तान शुभमन गिल—लगातार फ्लॉप हो रहे हैं। उनका खराब प्रदर्शन आगामी टी20 वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया के लिए एक बड़ा संकट खड़ा कर रहा है।
सूर्या और गिल: रनों का सूखा कब होगा खत्म?
कप्तान सूर्यकुमार यादव, जो कि टीम के मिडिल ऑर्डर की रीढ़ माने जाते हैं, पिछले 21 टी20 पारियों से कोई अर्धशतक (Fifty) नहीं बना पाए हैं। नंबर तीन या चार पर बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी से इतनी निरंतरता की उम्मीद रखना स्वाभाविक है। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 2004 में आखिरी बार 75 रनों की बड़ी पारी खेली थी। तब से अब तक वह सिर्फ एक बार ही 40 रनों के आंकड़े को पार कर पाए हैं।
शुभमन गिल का हाल तो इससे भी बदतर है। संजू सैमसन जैसे इन-फॉर्म बल्लेबाज को हटाकर जबरदस्ती ओपनिंग स्लॉट में फिट किए गए गिल के रनों का सूखा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। गिल ने अपनी पिछली फिफ्टी 18 पारी पहले जमाई थी। इस लंबी अवधि में वह सिर्फ दो बार ही 40 रन से ऊपर का स्कोर बना पाए हैं, जबकि टी20 क्रिकेट में ओपनर से तेज और बड़ी शुरुआत की उम्मीद की जाती है।
टीम में क्यों पक्की है सूर्यकुमार और शुभमन की जगह?
सवाल यह उठता है कि इन दोनों 'बिग प्लेयर्स' का प्रदर्शन इतना खराब होने के बावजूद टीम इंडिया में इनकी जगह क्यों पक्की है?
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सूर्यकुमार यादव (सूर्या): सूर्या को टी20 फॉर्मेट में उनके अतीत के प्रदर्शन, खासकर 360-डिग्री शॉट्स और विस्फोटक स्ट्राइक रेट के कारण एक मैच-विनर माना जाता है। चयनकर्ता संभवतः उन्हें टी20 वर्ल्ड कप से पहले फॉर्म में वापस आने के लिए लंबा रन दे रहे हैं, यह मानते हुए कि एक बार लय मिलने पर वह अकेले दम पर मैच का रुख पलट सकते हैं।
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शुभमन गिल: गिल को भविष्य का कप्तान और तीनों फॉर्मेट का खिलाड़ी माना जाता है। मैनेजमेंट उन्हें लंबी अवधि के निवेश के रूप में देख रहा है। हालांकि, टी20 में उनका धीमा स्ट्राइक रेट चिंता का विषय है, लेकिन उनके पास क्लास और तकनीकी क्षमता है। चयनकर्ता शायद यह मानते हैं कि उनके पास एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय अनुभव है जो टीम के लिए जरूरी है।
गंभीर और टीम मैनेजमेंट को अब यह तय करना होगा कि क्या वे फ्लॉप फॉर्म में चल रहे इन बड़े नामों को मौका देते रहेंगे, या इन-फॉर्म और युवा खिलाड़ियों जैसे यशस्वी जायसवाल और संजू सैमसन को पर्याप्त मौके देंगे, ताकि टी20 वर्ल्ड कप से पहले टीम की बल्लेबाजी लाइन-अप मजबूत हो सके।