झांसी न्यूज डेस्क: झांसी के भानपुरा गांव में बुधवार शाम उस समय हड़कंप मच गया जब गांव के रोजगार सेवक और बीएलओ नाथूराम आर्या ने अचानक ज़हरीला पदार्थ पी लिया। वह पिछले काफी समय से काम के अत्यधिक दबाव और बढ़ते जिम्मेदारियों से परेशान बताए जा रहे थे। जहर सेवन के तुरंत बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी और तेज उल्टियां होने लगीं। उन्होंने खुद ही परिजनों को फोन कर घटना की जानकारी दी, जिसके बाद उन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। गंभीर स्थिति देखकर डॉक्टरों ने उन्हें झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, जहां बाद में उनकी हालत स्थिर बताई गई।
अस्पताल में दिए बयान में नाथूराम ने कहा कि गांव में इंटरनेट न होने की वजह से ई-केवाईसी का काम करना बेहद मुश्किल हो गया था, लेकिन अधिकारियों की ओर से लगातार दबाव बनाया जा रहा था कि काम किसी भी तरह पूरा किया जाए। उनका कहना है कि कई बार बैठकों में उन्होंने यह समस्या उठाई, लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। बढ़ते तनाव से टूटकर उन्होंने कीटनाशक पीकर जान देने की कोशिश की।
नाथूराम के बेटे नितेश ने भी आरोप लगाया कि उनके पिता को पिछले 15 दिनों से एसआईआर और बीएलओ दोनों ही काम कराने पड़ रहे थे। एक काम पूरा होने के बाद भी उन पर नए काम का दबाव डाल दिया जाता था। गांव के प्रधान द्वारा भी ई-केवाईसी की फाइलें जमा करने का दबाव बनाया जा रहा था, जबकि नेटवर्क और तकनीकी परेशानियाँ लगातार आड़े आ रही थीं। नितेश के अनुसार, इसी मानसिक तनाव ने उनके पिता को ये कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम मऊरानीपुर श्वेता साहू, तहसीलदार ललित कुमार पांडे और नायब तहसीलदार अमित कुमार मुदगल मौके पर पहुंचे। एसडीएम श्वेता साहू ने कहा कि नाथूराम ने एसआईआर का काम एक सप्ताह पहले ही पूरा कर लिया था और उनके ऊपर कोई नया कार्यभार नहीं डाला गया था। उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआती तौर पर मामला व्यक्तिगत कारणों से जुड़ा हो सकता है, लेकिन पूरी जांच के बाद ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी।