फ़्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने रक्षा मंत्री सेबास्टियन लेकोर्नू को नया प्रधान मंत्री नियुक्त किया है। यह नियुक्ति एक वर्ष में चौथे प्रधानमंत्री के रूप में हुई है, जो राजनीतिक अस्थिरता का संकेत है। इस बदलाव के मुख्य पहलू और चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:
कौन हैं सेबास्टियन लेकोर्नू?
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उम्र और अनुभव: लेकोर्नू 39 वर्ष के हैं और इतिहास के सबसे कम उम्र के रक्षा मंत्री बने थे
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आत्मीय संबंध: वे मैक्रों के करीबी सहयोगी माने जाते हैं, जिन्होंने 2017 में केंद्र-राष्ट्रवादी दल छोड़ा और मैक्रों की राजनीति में शामिल हुए
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कौशल और अनुभव: इन्होंने रक्षा, स्थानीय व बाह्य क्षेत्रीय मामलों में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। "यह नया सरकार स्थिरता, जनता की सेवा और फ्रांसीसी संप्रभुता की रक्षा पर केंद्रित होगा," उन्होंने सोशल मीडिया पर क
बायरू सरकार का पतन और कारण
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पूर्व पीएम फ्रांस्वा बायरू ने 2026 के बजट में कटौती के प्रस्ताव के कारण संसद से विश्वास मत खो दिया, जिसके कारण उनका शासनकाल समाप्त हो गया
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इसके बाद मैक्रों ने तुरन्त लेकोर्नू को प्रधानमंत्री नियुक्त कर राजनीतिक स्थिरता हासिल करने की कोशिश की
लेकोर्नू की सबसे बड़ी चुनौती — बजट का पारित होना
राजनीतिक माहौल और प्रतिक्रिया
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कांग्रेस और अन्य वामपंथी दलों ने इस नियुक्ति को आलोचना के साथ देखा है; वहीं राष्ट्रीय रैली पार्टी ने बजट पर सहयोग का संकेत दिया है ।
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"Block Everything" आंदोलन के चलते व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसके बीच सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए 80,000 पुलिस तैनात किए गए
सारांश
बिंदु |
विवरण |
नया प्रधानमंत्री |
सेबास्टियन लेकोर्नू (39), मैक्रों के करीबी |
राजनीतिक स्थिरता |
चौथा पीएम, एक वर्ष में कई बदलाव |
मुख्य चुनौती |
विभाजित संसद में बजट पारित करवाना |
राजनीतिक माहौल |
विरोध प्रदर्शन, व्यापक असंतोष |
निष्कर्ष:
सेबास्टियन लेकोर्नू की नियुक्ति संतुलन और सभ्यता की ओर एक मास्टर स्ट्रोक हैं। उनकी सबसे बड़ी परीक्षा संसद में राष्ट्रीय बजट की मंजूरी न होगी, बल्कि यह है कि क्या वे फ्रांसीसी लोकतंत्र को दुबारा स्थिरता और दिशा दे पाएंगे? उनके नेतृत्व में फ्रांस का राजनीतिक परिदृश्य अब परिवर्तन की दिशा में अग्रसर है।