मुंबई, 17 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। क्यूबा की श्रम मंत्री मार्ता एलेना फेतो कैबरेरा को अपने विवादास्पद बयान की भारी कीमत चुकानी पड़ी है। उन्होंने संसद में कहा था कि क्यूबा में भिखारी जैसी कोई चीज नहीं है, बल्कि लोग सिर्फ गरीब होने का दिखावा करते हैं। इस बयान से आम जनता और बुद्धिजीवी वर्ग में गुस्सा फैल गया। लोगों को लगा कि सरकार उनके हालात से पूरी तरह अनभिज्ञ है और उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल ने भी बिना नाम लिए मंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को संवेदनशील और हकीकत से जुड़ा हुआ होना चाहिए। उनकी आलोचना के तुरंत बाद कैबरेरा ने इस्तीफा दे दिया, जिसे पार्टी ने स्वीकार भी कर लिया।
कैबरेरा ने संसद में कूड़ा बीनने वालों और सड़कों पर कारों के शीशे साफ करने वाले गरीब लोगों पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि ये लोग केवल भिखारी की तरह दिखते हैं लेकिन असल में टैक्स चोर हैं और आराम से जीवन जीते हैं। मंत्री ने आरोप लगाया कि यह वर्ग अपनी कमाई शराब पर खर्च करता है और आसानी से पैसे कमाने के लिए यह रास्ता चुनता है। क्यूबा इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश में भोजन, ईंधन और दवाओं की भारी कमी है। बुज़ुर्ग लोग सड़कों पर भीख मांगने, कूड़ा बीनने या गाड़ियों के शीशे साफ करने को मजबूर हैं। हालात इतने खराब हैं कि एक रिटायर्ड व्यक्ति की पेंशन सिर्फ दो हजार क्यूबाई पेसो है, जो ब्लैक मार्केट में महज 430 रुपए के बराबर होती है और उससे वे अंडों का एक डिब्बा भी नहीं खरीद सकते। देश की अर्थव्यवस्था बीते पांच वर्षों में 11 प्रतिशत तक गिर चुकी है। जिनके परिवार के सदस्य विदेश में रहते हैं, वे किसी तरह जीवन चला पा रहे हैं, लेकिन बाकी आबादी को अक्सर भूखे पेट सोना पड़ता है। क्यूबा में आमतौर पर सरकार की आलोचना खुले तौर पर नहीं की जाती, लेकिन मंत्री के बयान ने पूरे देश में असंतोष की लहर पैदा कर दी और जनता, साहित्यकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक सुर में उनका इस्तीफा मांगा।