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PM Modi Ghana Visit: सोने की खान है घाना, जानिए भारत के लिए क्यों है खास?

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Posted On:Thursday, July 3, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पांच देशों के दौरे पर रवाना हो गए हैं। इस दौरे की शुरुआत उन्होंने पश्चिम अफ्रीका के देश घाना से की है। इसके बाद वे त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया जाएंगे। मोदी दो दिन तक घाना में ही रहेंगे, जहां उनका यह पहला दौरा होगा जो पिछले तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने घाना के राष्ट्रपति से मुलाकात की है, जहां वे द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और घाना की संसद को भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे।


भारत-अफ्रीका संबंधों में नई मजबूती

बीते 11 सालों में भारत ने अफ्रीका महाद्वीप में अपनी उपस्थिति को एक सदाबहार मित्र के रूप में दर्ज कराया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है, जो भारत की विदेश नीति के प्रमुख एजेंडों में से एक है। घाना के राष्ट्रपति भी कृषि, स्वास्थ्य और डिजिटलाइजेशन जैसे क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के इच्छुक हैं। खासतौर पर वे घाना को पश्चिम अफ्रीका का वैक्सीन हब बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। रक्षा सहयोग, खनिज संसाधनों और डिजिटल टेक्नोलॉजी पर भी दोनों देशों की बातचीत का फोकस रहेगा।


तेजी से बढ़ती घाना की अर्थव्यवस्था

घाना पश्चिम अफ्रीका का एक समृद्ध देश है, जिसकी सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संसाधन और आर्थिक विकास ने इसे महाद्वीप में विशेष महत्व दिलाया है। स्वतंत्रता संग्राम की साझा विरासत और गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) जैसे मंचों पर सहयोग के चलते भारत-घाना के रिश्ते और मजबूत हुए हैं। विशेषकर घाना का सोना भारत की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाता है।


घाना: पश्चिम अफ्रीका की सोने की खान

पहले ‘गोल्ड कोस्ट’ के नाम से जाना जाने वाला घाना, अटलांटिक महासागर के किनारे स्थित है। विश्व स्वर्ण परिषद के अनुसार, घाना 2024 में विश्व का सातवां सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश था, जहां सालाना लगभग 130-140 मीट्रिक टन सोना निकलता है। ओबुआसी और तारक्वा जैसे क्षेत्र प्रमुख खनन केंद्र हैं, जहां स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां सक्रिय हैं।

घाना का सोना देश की अर्थव्यवस्था और वैश्विक व्यापार के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, सरकार ने खनन नीतियों को मजबूती देते हुए स्थानीय समुदायों के हितों और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया है। भारत के लिए यह सोना खास है, क्योंकि भारत अपनी मांग का अधिकांश हिस्सा आयात करता है और घाना इस क्षेत्र में एक प्रमुख स्रोत है।


घाना: शांति और सांस्कृतिक विरासत का देश

घाना अपने स्थिर लोकतंत्र और शांतिपूर्ण माहौल के लिए जाना जाता है। क्वामे नक्रूमा मेमोरियल पार्क और ऐतिहासिक किले, जैसे केप कोस्ट और एल्मिना, देश की समृद्ध इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम की कहानियां बयान करते हैं। ग्लोबल पीस इंडेक्स 2022 के अनुसार, घाना उप-सहारा अफ्रीका का दूसरा सबसे शांतिपूर्ण देश है।


भारत और घाना के गहरे संबंध

भारत और घाना के संबंध 1957 में घाना की स्वतंत्रता के साथ शुरू हुए, जब भारत ने घाना के स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन किया था। दोनों देशों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समानताएं गुटनिरपेक्ष आंदोलन के जरिए वैश्विक दक्षिण के हितों को बढ़ावा देने में भी झलकती हैं। घाना की राजधानी अकरा में नेहरू के नाम पर एक सड़क और भारत द्वारा निर्मित जुबिली हाउस इस गहरे रिश्ते का प्रतीक हैं।

घाना पश्चिम अफ्रीका में भारत की रणनीतिक उपस्थिति के लिए द्वार का काम करता है, जो अफ्रीकी संघ और ECOWAS (पश्चिम अफ्रीकी देशों का आर्थिक समुदाय) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत की अफ्रीका नीति के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल और व्यापार के क्षेत्र में घाना एक अहम साझेदार है। यहां लगभग 15,000 भारतीय मूल के लोग रहते हैं।


भारत-घाना व्यापारिक संबंध

भारत और घाना के बीच द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य लगभग 3 अरब अमेरिकी डॉलर है, जो तेजी से बढ़ रहा है। घाना भारत के लिए सोना, कोको, और लकड़ी जैसे प्राकृतिक संसाधनों का प्रमुख स्रोत है। विशेष रूप से सोना, जो भारत की सोने की खपत का लगभग 80% हिस्सा बनाता है, घाना से आता है। 2024 में भारत ने लगभग 563.4 टन सोने के गहनों की खपत की, जिसमें घाना का बड़ा योगदान रहा।

भारत से घाना को चावल, फार्मास्यूटिकल्स, मशीनरी और वाहन निर्यात होते हैं। भारत की दवाओं पर घाना के फार्मास्यूटिकल बाजार का लगभग 70% हिस्सा निर्भर है। भारतीय कंपनियां टाटा, बिरला समेत घाना में विनिर्माण और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सक्रिय हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करते हैं। भारत ने यहां कोफी अन्नान सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना भी की है, जिसने पश्चिम अफ्रीका के 50,000 से अधिक प्रोफेशनल्स को प्रशिक्षित किया है।


पश्चिम अफ्रीका का सबसे बड़ा बाजार: कुमासी

घाना के कुमासी में स्थित केजेतिया मार्केट या कुमासी सेंट्रल मार्केट पश्चिम अफ्रीका का सबसे बड़ा ओपन-एयर बाजार है, जिसमें 10,000 से अधिक दुकानें हैं। यहां कपड़े, खाद्य पदार्थ, हस्तशिल्प, इलेक्ट्रॉनिक्स सहित विभिन्न वस्तुएं मिलती हैं। यह केवल व्यापार केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र भी है, जिसमें मस्जिद, स्वास्थ्य क्लीनिक, पुलिस स्टेशन और सामुदायिक मनोरंजन स्थल भी मौजूद हैं।


पर्यटन की दृष्टि से घाना

घाना अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है। केप कोस्ट और एल्मिना जैसे किले, काकुम राष्ट्रीय उद्यान, क्वामे नक्रूमा मेमोरियल पार्क और विश्व की सबसे बड़ी मानव-निर्मित वोल्टा झील घाना के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। ये स्थल देश की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।


प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और अफ्रीका के बीच सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाने का अवसर है, जो आर्थिक, तकनीकी, सांस्कृतिक और रक्षा क्षेत्रों में दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगी। घाना की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और प्राकृतिक संसाधन भारत के लिए रणनीतिक महत्व रखते हैं, जो इस दौरे की सफलता को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं।


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