झांसी न्यूज डेस्क: प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को लेकर उपभोक्ताओं की रुचि काफी कम दिखाई दे रही है। जिले में इस योजना के प्रति जागरूकता की भारी कमी देखने को मिल रही है। वित्तीय वर्ष के समाप्त होने में कुछ ही समय बचा है, लेकिन 50 हजार संयंत्र लगाने के लक्ष्य के मुकाबले अब तक सिर्फ 2 हजार संयंत्र ही लगाए जा सके हैं। सरकार बिजली की बढ़ती मांग और महंगाई को देखते हुए सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में पीएम सूर्य घर योजना की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत घरेलू उपभोक्ताओं को तीन किलोवाट के सोलर प्लांट के लिए लोन और सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। लेकिन इसके बावजूद लोग इस योजना का फायदा उठाने में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
योजना के तहत तीन किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने पर करीब 1.85 लाख से 2.10 लाख रुपये तक का खर्च आता है। केंद्र सरकार इस पर एक किलोवाट के लिए 30 हजार रुपये, दो किलोवाट के लिए 60 हजार रुपये और तीन किलोवाट के लिए 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी दे रही है। इसके अलावा, सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को 2 लाख रुपये तक का लोन भी दिया जा रहा है, जिसे सात प्रतिशत ब्याज दर पर 120 किश्तों में चुकाना होगा। योजना के तहत उपभोक्ता को हर महीने 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी। इससे अधिक बिजली उपयोग करने पर उपभोक्ता को शुल्क देना होगा। इसके अलावा, जो अतिरिक्त बिजली बनेगी, उसे डिस्कॉम को बेचा जा सकेगा, जिसके बदले में उपभोक्ता को प्रति यूनिट 2 रुपये 71 पैसे का भुगतान किया जाएगा।
इस योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होता है। हालांकि, विभाग का पोर्टल पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़ा है, जिसके चलते नए आवेदन नहीं हो पा रहे हैं। इससे उपभोक्ता परेशान हैं और योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। पोर्टल बंद होने के कारण नए उपभोक्ताओं को आवेदन करने में दिक्कत हो रही है, जिससे योजना की गति धीमी हो गई है।
सरकार ने जनपद में 50 हजार सोलर संयंत्र लगाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब तक केवल 2 हजार संयंत्र ही लगाए जा सके हैं। प्रशासन की ओर से उपभोक्ताओं को योजना के प्रति जागरूक करने की कोशिशें जारी हैं। हालांकि, पोर्टल बंद होने की समस्या के चलते लोग योजना से जुड़ नहीं पा रहे हैं। यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो योजना के लक्ष्यों को पूरा करना मुश्किल हो सकता है।