मुंबई, 19 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा सरकार पिछले 10 सालों में जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ-ईस्ट और नक्सल इलाकों में 70 % तक हिंसा कम करने में सफल रही है। कई सालों से इन तीनों इलाकों को बहुत अशांत माना जाता था, लेकिन पिछले 10 सालों की तुलना करने पर पता चलता है कि हमने उल्लेखनीय सुधार किया है। वे गुजरात के गांधीनगर में 50वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने इंटर्नल सिक्योरिटी और क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बड़े बदलाव किए हैं। ये कड़ी मेहनत और बेहतर कॉर्डिनेशन मांगते हैं। आने वाले 10 साल भारत के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को दुनिया में सबसे ज्यादा मॉडर्न, साइंटिफिक और तेज बनाने का समय है।
उन्होंने कहा, तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद FIR दर्ज होने की तारीख से तीन साल के भीतर लोगों को सुप्रीम कोर्ट स्तर से न्याय मिल सकेगा। नए कानूनों में टेक्नोलॉजी के सभी सिस्टम शामिल किए गए हैं। सुनिश्चित किया गया है कि टेक्नोलॉजी चाहे जितनी भी बदल जाए कानून में बदलाव करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गृह मंत्रालय ने तीनों कानून लागू करने से पहले व्यापक तैयारी की थी। हमने कोर्ट, प्रॉसिक्यूशन (वादी पक्ष), पुलिस और जेल को जोड़ने की व्यवस्था की। एक तरह से अपराध से लेकर न्याय मिलने और जेल तक सभी कड़ियों को जोड़ने का काम किया। इसके बाद मोदी सरकार ने कानून लागू किए। सरकार ने सुनिश्चित किया कि नागरिक सुरक्षा इनके केंद्र में रहे और लोग संवैधानिक अधिकारों का फायदा उठा सकें। हमने 60 अलग-अलग प्रावधानों में कोर्ट, प्रॉसिक्यूशन और पुलिस को टाइमलाइन के भीतर काम पूरा करने के लिए बाध्य करके न्याय व्यवस्था में गति लाने की कोशिश की है। भारत 10 सालों में 11वीं से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। देश टेक्नोलॉजी, सिक्योरिटी, शिक्षा, रिसर्च और डेवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजनेस जैसे सभी क्षेत्रों में दुनिया को लीड करने के लिए आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब आप आगे बढ़ते हैं तो किसी की जगह लेते हैं, इससे टकराव पैदा होता है। आपको टकराव का एनालिसिस करने के बाद आगे बढ़ना होगा। भारत ने आर्थिक और सामाजिक सुधारों के माध्यम से एक मजबूत नींव रखी है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत 1 अप्रैल, 2028 से पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। दुनिया जब हमारी ताकत पहचानती है तो चुनौतियां बढ़ जाती हैं। हमें इनको ध्यान में रखते हुए खुद को तैयार करना होगा।