मुंबई, 23 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। हिमाचल प्रदेश में लाहौल-स्पीति जिले के लिंडुर गांव में जमीन धंसने के बाद करीब 16 में से 9 घरों में दरारें पड़ गई हैं। गांव में रहने वाले 70 लोग खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। उन्हें डर है कि उनका घर कभी भी गिर सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि घरों में दरार पड़ने के अलावा उनकी खेती की जमीन भी धंस गई है। इन लोगों ने सरकार से सर्वे कराने की मांग की है। गोहरमा गांव की प्रधान सरिता ने कहा कि जून-जुलाई महीने में गांव के कुछ इलाकों में दरारें देखी गईं। बाद में वे चौड़ी होती चली गईं, जिससे घरों को खतरा हो गया। गांव के 16 में से 9 घरों में दरारें पड़ चुकी हैं और 4 घर असुरक्षित घोषित कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि हर साल गांव के पास स्थित जहमला नाले में बाढ़ आती है। घरों में दरार पड़ने के लिए ये नाला जिम्मेदार हो सकता है, लेकिन दरारों के पीछे की वजह जियोलॉजिकल सर्वे से ही पता चल सकती है। हमने अफसरों से इसकी मांग की है।
तो वहीं, लाहौल-स्पीति जिले के डिप्टी कमिश्नर राहुल कुमार ने बताया कि जिन लोगों के घरों में दरारें आई हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। लेकिन अभी तक कोई सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट नहीं हुआ है। अफसरों को प्रभावित लोगों की मदद के लिए कहा गया है। कुमार ने बताया कि हमने सरकार से जहमाला नाले के जलभराव की समस्या दूर करने के लिए इस पर नहर बनाने के लिए आग्रह किया है। वहीं, जिला प्रशासन ने IIT मंडी को इस मुद्दे पर रिसर्च करने, घरों में दरारों का कारण और उपाय सुझाने के लिए लैटर लिखा है।