मुंबई, 17 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना को सीएम पद से इस्तीफा सौंप दिया। उनके साथ आतिशी और 4 मंत्री मौजूद रहे। इसके बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया। इस बीच, दिल्ली सरकार ने 26 और 27 सितंबर को 2 दिन का विधानसभा सत्र बुलाया है। सत्ता परिवर्तन पर भाजपा ने कहा कि मेकओवर ने AAP के दाग नहीं छुपेंगे। AAP की विधायक दल की बैठक में केजरीवाल ने आतिशी को मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखा था। इस पर विधायकों ने सहमति जताई।
उपराज्यपाल के दफ्तर से निकलने के बाद गोपाल राय ने कहा कि हमने आतिशी को नए सीएम बनाने का दावा एलजी के सामने पेश किया। साथ ही उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की भी मांग की है। दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जेल से आने के बाद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि जब तक दिल्ली की जनता दोबारा अपना समर्थन देकर हमें नहीं जिताती, तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। इसी के तहत उन्होंने उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। विधायक दल की बैठक में आतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया। हमने उपराज्यपाल से निवेदन किया है कि जल्द से जल्द शपथ की तारीख तय की जाए, ताकि दिल्ली के 2 करोड़ लोगों को सहूलियत हो। हम सभी ने ये शपथ ली है कि जल्द से जल्द चुनाव कराकर अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाएंगे।
आतिशी ने कहा कि अगले चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम हैं। पहला, दिल्ली के लोगों की भाजपा के षड्यंत्र से रक्षा करना। दूसरा, केजरीवाल को फिर से सीएम बनाना। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केंद्र सरकार ने दुष्प्रचार किया, फर्जी आरोप लगाए। केंद्र ने अपनी सारी एजेंसीज को उनके पीछे छोड़ दिया। 6 महीने जेल में रखा। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा किया। कोर्ट ने केंद्र सरकार की तीखी टिप्पणी भी की। कोई और व्यक्ति होता तो वह तुरंत सीएम की कुर्सी पर बैठ गया होता। केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता का फैसला मानूंगा। ये हमारे लिए दुख का क्षण है। दिल्ली के लोग इस बात का प्रण ले रहे हैं कि अगले चुनाव में वे केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाएंगे।