न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के कोच गैरी स्टीड के इस्तीफे की खबर के बाद अब एक और बड़ी खबर दक्षिण एशिया से सामने आई है। बांग्लादेश में ISKCON (इस्कॉन) के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद ढाका के शाहबाग और चटगांव में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इस गिरफ्तारी ने न केवल बांग्लादेश बल्कि भारत में भी राजनीतिक और धार्मिक हलचलों को जन्म दिया है। वहीं, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें चिन्मय दास के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन इस दावे की सच्चाई कुछ और ही है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी
चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार द्वारा देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि वह सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे, जिसे बांग्लादेश सरकार ने देश की सुरक्षा और संप्रभुता के खिलाफ माना। उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद ही कई हिंदू संगठनों और नागरिक समूहों ने सड़कों पर उतर कर विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह गिरफ्तारी धार्मिक भेदभाव पर आधारित है और चिन्मय दास को साजिश के तहत फंसाया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
चिन्मय दास से जोड़कर एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में भगवा कपड़े पहने एक व्यक्ति कार के अंदर एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दे रहा है। इस वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह व्यक्ति ISKCON के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास हैं और वह एक महिला के साथ यौन उत्पीड़न की कोशिश कर रहे हैं।
क्या है वायरल वीडियो की सच्चाई?
जांच के बाद यह साफ हो गया है कि वायरल वीडियो में जो शख्स दिखाई दे रहा है वह चिन्मय कृष्ण दास नहीं हैं। बल्कि वह राजस्थान के बाबा बालकनाथ हैं। कुछ दिन पहले बाबा बालकनाथ का यही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह एक महिला को नशीला पदार्थ खिलाकर उसका यौन शोषण करते हुए दिख रहे थे।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो अक्टूबर 2024 का है और राजस्थान के सीकर जिले का बताया जा रहा है। वीडियो को कार ड्राइवर ने रिकॉर्ड किया था और यह सोशल मीडिया पर लीक हो गया। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी थी।
महिला के आरोप
22 अक्टूबर 2024 को पीड़िता ने पुलिस को बताया कि बाबा बालकनाथ से उसकी मुलाकात इस विश्वास के तहत करवाई गई थी कि वे उसके पारिवारिक समस्याओं का समाधान करेंगे। महिला ने आरोप लगाया कि उसे मिठाई में नशीला पदार्थ मिलाकर खिलाया गया और इसके बाद उसके साथ तीन बार यौन शोषण किया गया।
चिन्मय कृष्ण दास के समर्थन में आंदोलन
बांग्लादेश में चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया है। ढाका और चटगांव जैसे शहरों में उनके समर्थन में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार उन्हें धार्मिक आधार पर निशाना बना रही है और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत जानकारी उनके चरित्र हनन की कोशिश है।
भारत में भी कुछ हिंदू संगठनों ने चिन्मय दास की गिरफ्तारी की निंदा की है और विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की है। सोशल मीडिया पर भी #FreeChinmoyDas ट्रेंड कर रहा है।
ISKCON की प्रतिक्रिया
ISKCON ने स्पष्ट किया है कि चिन्मय कृष्ण दास अब उनके सदस्य नहीं हैं और उन्होंने कई वर्षों पहले संस्था से नाता तोड़ लिया था। संगठन ने कहा कि वह इस मामले में कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करता है लेकिन किसी भी तरह की झूठी अफवाहों और चरित्र हनन की कोशिशों का विरोध करता है।
निष्कर्ष
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उनके नाम से वायरल हो रहा वीडियो दो अलग-अलग घटनाएं हैं, जिन्हें जानबूझकर जोड़कर एक गलत नैरेटिव गढ़ा जा रहा है। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही झूठी जानकारी न केवल किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि समाज में गलतफहमियां भी पैदा करती है। ऐसे में जरूरी है कि किसी भी वायरल वीडियो या खबर की सच्चाई को जांचे बिना उस पर विश्वास न करें।
जहां एक ओर बांग्लादेश में चिन्मय दास की गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, वहीं भारत में भी इस मुद्दे पर गंभीर बहस छिड़ चुकी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या चिन्मय दास को न्याय मिलेगा या यह मामला और भी उलझता जाएगा।