मुंबई, 21 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों की बीजिंग में बुधवार को हुई बैठक में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को अफगानिस्तान तक बढ़ाने पर सहमति हुई है। पाकिस्तान के फॉरेन ऑफिस ने सोशल मीडिया के जरिए इस बात की पुष्टि की है। शिंजियांग से ग्वादर पोर्ट तक बनने वाला यह आर्थिक गलियारा अब अफगानिस्तान तक जाएगा, जिससे चीन की योजना मध्य पूर्व के देशों से सड़क मार्ग के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाने की है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अफगानिस्तान के किन हिस्सों तक यह कॉरिडोर पहुंचेगा। बैठक में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार, चीन के विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आपसी सहयोग को जरूरी बताया। साथ ही, कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा की गई।
CPEC प्रोजेक्ट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसकी शुरुआत 2013 में हुई थी। यह 60 बिलियन डॉलर की लागत वाला प्रोजेक्ट है, जो शिंजियांग से ग्वादर पोर्ट तक फैला हुआ है। इस कॉरिडोर के जरिए चीन को अरब सागर तक सीधी पहुंच मिलेगी और सड़क, बंदरगाह, रेलवे तथा ऊर्जा परियोजनाओं पर काम चल रहा है। हालांकि, भारत इस प्रोजेक्ट को लेकर विरोध करता रहा है, क्योंकि CPEC पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र से होकर गुजरता है, जिस पर भारत का दावा है। भारत का मानना है कि चीन इस गलियारे के जरिए क्षेत्र में अपनी विस्तारवादी नीतियों को आगे बढ़ा रहा है और भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है।