झांसी न्यूज डेस्क: उत्तर भारत में बढ़ती सर्दी और घने कोहरे ने झांसी आने वाली 16 ट्रेनों के संचालन को बुरी तरह प्रभावित किया है। दिल्ली की ओर से आने वाली कई ट्रेनें अपने तय समय से घंटों देरी से पहुंच रही हैं। रविवार को झांसी पहुंचने वाली ट्रेनें सोमवार तक पहुंची, जिससे सैकड़ों यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर ही रात बितानी पड़ी। पातालकोट एक्सप्रेस 12 घंटे की देरी से पहुंची, जबकि अन्य ट्रेनें भी 6 से 12 घंटे की देरी से झांसी आईं।
झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई। स्टेशन पर मौजूद सामान्य, स्लीपर, वातानुकूलित और महिलाओं के लिए बने 700 सीटों वाले वेटिंग रूम यात्रियों की संख्या के मुकाबले नाकाफी साबित हुए। मजबूर यात्रियों ने प्लेटफॉर्म पर ही बिस्तर लगाकर रात गुजारी। सर्द मौसम में ट्रेन का इंतजार करते हुए कई लोग खुले आसमान के नीचे ठंड से जूझते दिखे।
ट्रेनों की देरी ने खासकर जनरल टिकट वाले यात्रियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। देरी से चल रही हर ट्रेन उनके लिए आखिरी उम्मीद बन गई। जैसे ही कोई ट्रेन स्टेशन पहुंची, यात्री उसमें चढ़ने के लिए पूरी ताकत झोंकते दिखे। हालांकि, पहले से भरी हुई ट्रेनों में जगह न मिलने के कारण कई लोग सवार नहीं हो सके।
देर से चलने वाली ट्रेनों में सबसे ज्यादा प्रभावित पातालकोट एक्सप्रेस रही, जो अपने निर्धारित समय से 12 घंटे की देरी से पहुंची। इसके अलावा हजरत निजामुद्दीन-जबलपुर एक्सप्रेस 8 घंटे, श्री गंगानगर-नांदेड़ एक्सप्रेस 7 घंटे और नई दिल्ली-तरुवनंतपुरम केरल एक्सप्रेस 5 घंटे की देरी से झांसी आई। कई अन्य ट्रेनें भी 3 से 7 घंटे की देरी से पहुंचीं।
सर्दी और कोहरे की वजह से ट्रेनों की पंक्चुअलिटी बुरी तरह प्रभावित हुई है। यात्रियों को जहां ठंड में ठहरने की परेशानी हुई, वहीं लंबी देरी के कारण उनका आगे का सफर भी प्रभावित हुआ। जनरल टिकट वाले यात्रियों के अलावा आरक्षित टिकट वाले यात्री भी असुविधा का सामना कर रहे हैं।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की संख्या को देखते हुए स्टेशन पर सुविधाओं को बढ़ाने की कोशिश की है, लेकिन वेटिंग रूम की सीमित क्षमता और प्लेटफॉर्म पर बढ़ती भीड़ के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। कोहरे के कारण उत्तर भारत की अधिकांश ट्रेनें प्रभावित हैं, जिससे झांसी के यात्रियों को खासा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।