झांसी न्यूज डेस्क: चित्रकूट धाम में आयोजित होने वाले पौष सोमवती अमावस्या मेले के अवसर पर श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने के लिए भारतीय रेलवे ने दो मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय लिया है। ये ट्रेनें 29 दिसंबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक चलाई जाएंगी। इस साल सोमवती अमावस्या का पर्व 30 दिसंबर को है, और हर साल इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु चित्रकूट धाम पहुंचते हैं।
चित्रकूट धाम का ऐतिहासिक महत्व
बुंदेलखंड स्थित चित्रकूट धाम धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। यह वह स्थान है जहां भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान 12 वर्ष बिताए थे। यहां के कामदगिरि पर्वत को पवित्र माना जाता है और हर अमावस्या पर यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। सोमवती अमावस्या पर यह संख्या लाखों तक पहुंच जाती है।
पहली मेला स्पेशल ट्रेन
पहली मेला स्पेशल ट्रेन वीरांगना लक्ष्मी बाई झांसी रेलवे स्टेशन से चित्रकूट धाम कर्वी तक चलाई जाएगी। यह झांसी से सुबह 10:10 बजे प्रस्थान करेगी और ओरछा, बरूआसागर, निवाड़ी, मऊरानीपुर, हरपालपुर, तथा महोबा होते हुए शाम 5:45 बजे चित्रकूट धाम कर्वी पहुंचेगी। वापसी में यह ट्रेन चित्रकूट धाम कर्वी से रात 7:25 बजे प्रस्थान करेगी और महोबा होते हुए रात 1 बजे झांसी पहुंचेगी।
दूसरी मेला स्पेशल ट्रेन
दूसरी मेला स्पेशल ट्रेन वीरांगना लक्ष्मी बाई झांसी रेलवे स्टेशन से रात 8:10 बजे प्रस्थान करेगी। यह हरपालपुर और महोबा होते हुए बांदा के रास्ते चित्रकूट धाम कर्वी में सुबह 3:05 बजे पहुंचेगी। वापसी में यह ट्रेन चित्रकूट धाम कर्वी से सुबह 4:40 बजे प्रस्थान करेगी और बांदा व महोबा के रास्ते सुबह 11:10 बजे झांसी पहुंचेगी।
यात्रियों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं
मेला में बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे ने यात्रियों की संख्या के अनुसार अतिरिक्त रैक तैयार रखने की व्यवस्था की है। गाड़ी संख्या 01809/01810 बांदा मेमू को आवश्यकता पड़ने पर चित्रकूट धाम कर्वी तक विस्तारित किया जाएगा। बांदा रेलवे स्टेशन पर एक अतिरिक्त रैक को स्टैंडबाय मोड में रखा जाएगा।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष पहल
रेलवे ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इन मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन सुनिश्चित किया है। इसके साथ ही, यात्रियों के सफर को सुगम और आरामदायक बनाने के लिए स्टेशनों पर आवश्यक तैयारियां की गई हैं। सभी प्रमुख स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी।
मेले का धार्मिक महत्व
सोमवती अमावस्या का मेला चित्रकूट धाम में श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। लाखों श्रद्धालु यहां भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना और कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा के लिए आते हैं। रेलवे की यह पहल श्रद्धालुओं के आवागमन को सरल और सुविधाजनक बनाएगी।
यात्रियों को निर्देश
रेलवे ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी यात्रा के दौरान ट्रेनों की समय-सारणी का ध्यान रखें। किसी भी असुविधा से बचने के लिए अग्रिम टिकट बुकिंग कराने की भी सिफारिश की गई है। साथ ही, यात्रा के दौरान रेलवे के दिशा-निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित यात्रा का अनुभव लें।