झांसी न्यूज डेस्क: झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने की घटना ने अस्पतालों की अव्यवस्था को उजागर किया है। एनआईसीयू में मानकों का पालन नहीं किया गया, जिससे हादसा हुआ। यहां जीवनरक्षक उपकरणों का बिजली लोड स्वीकृत सीमा से अधिक था, जिससे शॉर्ट सर्किट और आग लगी। वॉर्ड में क्षमता से अधिक बच्चों को भर्ती किया गया था, जिससे उपकरण लगातार चलते रहे और ओवरलोडिंग से स्पार्किंग हुई।
सूत्रों के मुताबिक, 18 बेड के एनआईसीयू वॉर्ड में 49 बच्चे भर्ती थे, और ऑक्सिजन सिलिंडरों की अधिकता के कारण आग तेजी से फैली। उपकरणों को नियमित अंतराल पर बंद करने की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, जिससे प्लग पॉइंट गर्म होकर हादसे का कारण बने। शाम को पहले भी शॉर्ट सर्किट हुआ था, लेकिन प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
आग लगने के बाद बच्चों को बाहर निकालने में कठिनाई हुई क्योंकि वॉर्ड के बीच का रास्ता संकरा था और आपातकालीन निकासी की व्यवस्था नहीं थी। कई अग्निशामक यंत्र एक्सपायर्ड थे, जो काम नहीं आए। आग बुझाने के लिए कोई प्रशिक्षित कर्मचारी भी मौजूद नहीं था।
इस हादसे से साफ है कि मानकों की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही ने हादसे को और बड़ा बना दिया। अगर समय पर एहतियात बरती जाती, तो इस त्रासदी को टाला जा सकता था।