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झांसी में बिजली सुधार पर खर्च हुए 363 करोड़, फिर भी सप्लाई और चोरी पर नहीं लगा अंकुश

Photo Source : Google

Posted On:Tuesday, May 27, 2025

झांसी न्यूज डेस्क: झांसी मंडल में बिजली सुधार और चोरी रोकने के लिए रीवैंप योजना के तहत अब तक 363 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद न तो बिजली आपूर्ति में सुधार हो पाया है और न ही बिजली चोरी पर नियंत्रण हो सका है। लाइन लॉस अभी भी 24.73 फीसदी पर टिका है, जबकि इसे 15 फीसदी तक लाने का लक्ष्य था। हर साल रखरखाव पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, फिर भी बिजली विभाग के लिए जिले में नियमित आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

जरा सी आंधी या मौसम बदलते ही बिजली व्यवस्था चरमरा जाती है। ओवरलोड की वजह से ट्रिपिंग की समस्या आम हो गई है, जिससे आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हाल ही में शहर में लगातार बिजली संकट देखने को मिला, जिसने विभागीय दावों की पोल खोल दी।

ऊर्जा निगम भले ही उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति देने का दावा करता हो, लेकिन हकीकत इससे काफी दूर है। गर्मियों की शुरुआत होते ही ये दावे हवा हो जाते हैं। शहरों की बात छोड़ भी दें तो ग्रामीण इलाकों में तो हालात और भी खराब हैं, जहां लोगों को दिन में 12 घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। वहीं, विभाग हर साल करोड़ों रुपये की योजनाएं बनाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बड़ा फर्क नजर नहीं आता।

रीवैंप योजना के तहत अब तक 58 करोड़ रुपये काम पर और 305 करोड़ रुपये सामग्री पर खर्च हो चुके हैं। इसमें नए पोल लगाना, जर्जर लाइनें बदलना, कृषि फीडर बनाना और ओवरलोड फीडरों को अलग-अलग भागों में बांटने जैसे काम शामिल हैं। इनका मकसद बिजली चोरी रोकना और व्यवस्था सुधारना था, लेकिन करोड़ों की लागत के बाद भी नतीजे बहुत निराशाजनक हैं।


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