झांसी न्यूज डेस्क: मेडिकल कॉलेज में उच्च क्षमता की नई मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) मशीन लगाने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है। मंगलवार से मशीन के लिए फाउंडेशन का काम शुरू कर दिया गया है। इंजीनियरों की टीम ने मशीन के अनुरूप नापजोख कर तकनीकी कार्य प्रारंभ कर दिया है। अधिकारियों का दावा है कि फरवरी तक यह काम पूरा हो जाएगा और एमआरआई जांच शुरू हो सकेगी।
2008-09 में मेडिकल कॉलेज में पहली एमआरआई मशीन स्थापित की गई थी, जो 14 साल के उपयोग के बाद अक्रियाशील हो गई। पिछले दो वर्षों से कॉलेज में भर्ती मरीजों की एमआरआई निजी केंद्रों पर सरकारी दरों पर कराई जा रही है। हालांकि, निजी केंद्रों तक जाने में मरीजों और उनके परिजनों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
इस समस्या के समाधान के लिए कॉलेज प्रशासन ने शासन से नई मशीन की मांग की थी। रेडियोथैरेपी विभाग में उस स्थान का निरीक्षण किया गया, जहां मशीन लगाई जानी है। इसके बाद मशीन के लिए फाउंडेशन निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया। इंजीनियरों का कहना है कि नापजोख और अन्य तकनीकी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं।
मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार, यह थ्री टैसला क्षमता वाली एमआरआई मशीन होगी, जो बुंदेलखंड क्षेत्र में पहली बार लगाई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि फरवरी तक मशीन इंस्टॉल होने के बाद इसकी जांच सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी, जिससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।