झांसी न्यूज डेस्क: झांसी रेल मंडल पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा दक्षता को लगातार बढ़ावा दे रहा है। इस प्रयास से न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है बल्कि राजस्व की भी बचत हो रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अप्रैल से नवंबर के बीच डीजल की खपत कम करने से 6.09 करोड़ रुपये की बचत हुई है। खासकर नवंबर महीने में हाई-स्पीड डीजल की कम खपत से 73.67 लाख रुपये का राजस्व बचाया गया।
पिछले वर्ष की तुलना में इस साल नवंबर में डीजल की खपत में 13.18 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। नवंबर 2024 में डीजल खपत 474 किलोलीटर रही, जबकि नवंबर 2023 में यह 546 किलोलीटर थी। झांसी मंडल के ये प्रयास भारतीय रेलवे को विकास की नई दिशा में ले जा रहे हैं और ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों के उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
आधुनिक तकनीक और कुशल प्रबंधन के कारण यह उपलब्धि संभव हुई है। मंडल रेल प्रबंधक दीपक सिन्हा के अनुसार, डीजल के स्थान पर बिजली के अधिकतम उपयोग, उन्नत तकनीक और बेहतर प्रबंधन की मदद से यह सफलता हासिल की गई है। डीजल खपत में गिरावट से कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है, जो पर्यावरण संरक्षण और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए अहम है।
झांसी मंडल ने थ्री-फेज लोकोमोटिव्स के उपयोग से ऊर्जा की बचत में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नवंबर 2024 में रि-जनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक की मदद से 67.94 लाख यूनिट बिजली की बचत हुई, जिससे 3.84 करोड़ रुपये का राजस्व बचाया गया। यह तकनीक ब्रेकिंग के दौरान उत्पन्न ऊर्जा को पुनः इंजन में स्थानांतरित कर ऊर्जा की खपत को कम करती है।
झांसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि डीआरएम दीपक सिन्हा के निर्देशन में मंडल पर्यावरणीय संतुलन और ऊर्जा दक्षता के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस पहल का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करते हुए पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देना है। झांसी मंडल के ये कदम रेलवे के सतत विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण बन रहे हैं।