मुंबई, 12 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। लखनऊ में सरकारी जमीन पर अंबेडकर प्रतिमा रखने को लेकर जमकर बवाल हुआ। इसे हटाने के विरोध में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने इकट्ठे होकर नारेबाजी की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया। इसमें महिला इंस्पेक्टर मेनका सिंह समेत 6 लोगों के सिर फूट गए। पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए पांच राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े। करीब 6 घंटे तक बवाल चलता रहा। बाद में काफी मशक्कत के बाद प्रशासन और ग्रामीणों की बीच सहमति बन पाई। फिलहाल प्रतिमा कपड़े से ढकी रहेगी। घटना लखनऊ कलेक्ट्रेट से करीब 36 किमी दूर बख्शी का तालाब थाना क्षेत्र के मवई खातरी गांव की है। यह गांव बीकेटी मेन रोड से 1 किलोमीटर अंदर है।
प्रशासन और ग्रामीणों की बीच सहमति बनने के बाद प्रतिमा कपड़े से ढकी रहेगी। इसके बाद गांव से थानों की पुलिस वापस बुला ली गई। हालांकि, एहतियात के तौर पर PAC तैनात रहेगी। डीसीपी नार्थ गोपाल चौधरी ने बताया, बातचीत के जरिए समस्या का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाएगा। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में और सामान्य है। मूर्ति लगाने को लेकर विवाद गांव के ही दो पक्षों के बीच का है। एक पक्ष ने 3 दिन पहले प्राथमिक स्कूल के सामने अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी। जहां प्रतिमा लगाई गई, वह ग्राम समाज की जमीन है। इसको लेकर गांव के ही दूसरे पक्ष ने विरोध शुरू कर दिया। दोनों पक्षों के बीच झगड़ा बढ़ा, तो किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। सूचना मिलते ही शनिवार दोपहर करीब 2 बजे बीकेटी, इटौंजा, महिंगवा, मड़ियांव, महिला थाने की पुलिस पहुंची। तनाव देखते हुए पीएसी को भी मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने हालात संभालने के लिए ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। लेकिन, इसी बीच गांव वाले उग्र हो गए। उन्होंने पथराव कर दिया। इसमें महिला इंस्पेक्टर मेनका सिंह के अलावा महिगंवा थाने के दरोगा रामेंद्र सिंह, हेड कॉन्स्टेबल जय प्रकाश, लाल मोहम्मद, नगुवामऊ चौकी प्रभारी शेष मणि और एलआईयू के क्षेत्रीय प्रभारी सिद्धेश वर्मा घायल हुए हैं।
गांव वालों का कहना है कि तीन दिन पहले ग्राम प्रधान के प्रस्ताव पर रात में चुपचाप प्रतिमा रखी गई थी। न तो प्रशासन से इसकी इजाजत ली गई और न ही ग्रामीणों से राय ली गई। प्रतिमा जिस जगह रखी गई, वह ग्राम समाज की जमीन है। यहां पहले हाट-बाजार और शादी-समारोह होते थे। इससे नाराज सैकड़ों बुजुर्ग, महिलाएं और युवा खातरी गांव से निकलकर पहाड़पुर चौराहा पहुंच गए। उन्होंने सड़क पर बैठकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। नारेबाजी कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि प्रतिमा हटाई जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। हालात बिगड़ते देख मौके पर BKT SDM सतीश चंद्र त्रिपाठी, कई थानों की पुलिस और PAC बल को तैनात किया गया। प्रशासन की अपील का कोई असर नहीं हुआ। गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में गांव के प्रधान प्रतिनिधि को हिरासत में ले लिया, जिससे ग्रामीण और भड़क गए। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया। ग्रामीण मुन्नी देवी ने कहा कि पुलिस ने ग्रामीणों को जमकर पीटा है। उन्हें ईंट लगी है। पुलिस ने कपड़े भी फाड़े हैं। ग्राम प्रधान को किडनैप करके ले गए हैं। उन्होंने ढूंढ़ने गए तीन-चार लोगों को भी किडनैप कर लिया है।