मुंबई, 04 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस से निष्कासित पूर्व सांसद संजय निरुपम ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, कांग्रेस में पांच अलग अलग पावर सेंटर हैं। सोनिया, राहुल, बहनजी, नए अध्यक्ष खड़गे और वेणुगोपाल। कांग्रेस में वैचारिक द्वंद्व चल रहा है, इससे कार्यकर्ताओं में निराशा है। पांचों की अपनी लॉबी है, जो आपस में टकराती रहती है। यह सब अपने प्रकार से राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बिखरी हुई पार्टी है और पार्टी के नेताओं ने भी कहा है कि इसकी विचारधारा दिशाहीन है। आने वाले वक्त में काफी कुछ खत्म हो जाएगा।
निरुपम ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के आसपास जो लेफ्टिस्ट हैं, वे आस्था में विश्वास नहीं करते। अकेले कांग्रेस ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण के जवाब में चिट्ठी लिखी कि ये बीजेपी का प्रचार है। उन्होंने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया। उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस कहती है कि वो सेक्युलर पार्टी है। इसमें कुछ गलत नहीं। गांधीजी के सेक्युलरिज्म में किसी धर्म का विरोध नहीं था। नेहरूजी के सेकुलरिज्म में ये सही, ये गलत वाली बात थी, लेकिन आज नेहरू के सेक्युलरिज्म की विचारधारा खत्म हो गई है। इसे मानने के लिए कांग्रेस तैयार नहीं है। इस विचारधारा को लेकर सबसे तेजी से लेफ्टिस्ट चल रहे हैं। वे खुद खत्म हो चुके हैं।
वहीं, संजय निरुपम ने एक्स पर पोस्ट किया था कि बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम अपना इस्तीफा भेजने के बाद पार्टी ने उन्हें निकाला। निरुपम ने इस्तीफे की तस्वीर शेयर की। उन्होंने लिखा, ऐसा लगता है कि बीती रात मेरा इस्तीफा मिलते ही पार्टी ने मुझे निकाले जाने का ऐलान करने का फैसला लिया। ऐसी फुर्ती देखकर अच्छा लगा। दरअसल, बीती रात खड़गे ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों के बाद निरुपम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की मंजूरी दी थी।