मुंबई, 13 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक और लेखक अनुभव सिन्हा इन दिनों राजस्थान के विभिन्न शहरों का दौरा कर रहे हैं। उनका यह दौरा किसी फिल्म प्रमोशन या शूटिंग के लिए नहीं है, बल्कि देश और लोगों की सोच को करीब से समझने के मकसद से है। जयपुर के राजमंदिर पहुंचकर अनुभव सिन्हा ने भास्कर से बातचीत में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने फिल्म, समाज, छोटे शहरों की बदलती सोच और अपने व्यक्तिगत अनुभवों पर खुलकर बात की।
अनुभव ने बताया कि वे पिछले कुछ समय से देश के 20 से 25 शहरों में घूमने, वहां के खाने का स्वाद लेने और लोगों से मिलने का अनुभव ले रहे हैं। उनका मकसद यह जानना है कि लोग थिएटर में किस तरह की फिल्में पसंद करते हैं और कौनसे सिनेमाघर क्यों अच्छे चल रहे हैं। उन्होंने लखनऊ और जयपुर के सिनेमाघरों में जाकर महसूस किया कि दर्शक अब फिल्म और कंटेंट को खुद चुनकर थिएटर जाते हैं और पैसे का यह चुनाव पर असर नहीं डालता। बनारस और लखनऊ के बदलते माहौल पर उन्होंने कहा कि अब शहरों में दो पीढ़ियों का दृष्टिकोण अलग-अलग है। पहले बच्चों को अपने माता-पिता की आदतों और सोच के हिसाब से जीना पड़ता था, लेकिन अब घर में दो अलग संस्कृतियां coexist कर रही हैं। माता-पिता भी अब बच्चों की दिशा में जा रहे हैं और सोशल मीडिया, रील्स जैसी नई चीजों को अपनाने लगे हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म के बढ़ते प्रभाव पर अनुभव ने कहा कि यह संभव नहीं कि वे दर्शकों की पूरी पसंद को समझकर फिल्में बना दें। कलाकार का काम अपनी रचनात्मकता के अनुसार करना होता है, और दर्शकों की राय जानने के लिए उनके पास पहुंचना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कंटेंट बनाने का उद्देश्य यह नहीं होता कि वह सिर्फ लोकप्रिय हो, बल्कि यह समझना जरूरी है कि लोग क्या महसूस करते हैं।
अनुभव सिन्हा ने अपने सिनेमा की प्रवृत्ति पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने फिल्म 'मुल्क' बनाई थी, तो उनका ध्यान सिर्फ कहानी पर था, न कि यह सोचने पर कि फिल्म सार्थक या राजनीतिक संदेश वाली है। यह उनकी व्यक्तिगत रुझान और अनुभवों का हिस्सा बन गया है, जिसके कारण उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक विषयों वाली फिल्में बनाना जारी रखा। शाहरुख खान के साथ काम करने के अनुभव पर उन्होंने बताया कि एक बार उन्होंने 'रा.वन' के लिए हॉलीवुड सिंगर एकॉन को गाने के लिए मनाने की इच्छा जताई। शुरुआती संदेह के बावजूद शाहरुख ने यह कर दिखाया और फिल्म का गाना एकॉन ने गाया। अनुभव ने इसे शाहरुख की प्रतिबद्धता और विश्वास का उदाहरण बताया। आर्यन खान के निर्देशन में आने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने आर्यन को पहले बहुत छोटा देखा था, लेकिन अब वह अपनी अलग राय और दृष्टिकोण के साथ सामने आया है। उनके निर्देशन में किए गए शो की सफलता ने उन्हें बेहद खुशी दी। अनुभव ने यह भी साझा किया कि जब निर्देशक और लेखक दोनों जिम्मेदारियां एक ही व्यक्ति के पास हों तो फिल्म बनाना आसान होने के बजाय चुनौतीपूर्ण हो जाता है। सभी निर्णय और जिम्मेदारियां एक व्यक्ति पर होने के कारण संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है, और यह काम अकेले संभालना कभी-कभी कठिन हो जाता है।