मुंबई, 20 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दिल्ली में लगातार 5वें दिन AQI 400 के पार है। 15 नवंबर को इसका लेवल 396 था। यह ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। शहर का सबसे प्रदूषित इलाका मुंडका (AQI 464) रहा। वहीं, वजीरपुर और अलीपुर में AQI 462 रिकॉर्ड किया गया। प्रदूषण के कारण छाई धुंध से पालम समेत कुछ इलाकों में विजिबिलिटी घटकर 150 मीटर रह गई। इस कारण 79 फ्लाइट्स ने देरी से उड़ान भरी और 6 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गईं। इसके अलावा रेलवे ने बताया कि 13 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के 50% सरकारी कर्मचारी घर से काम करेंगे। यह जानकारी पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दी है।
तो वहीं, बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने जजों को डिजिटल सुनवाई का ऑप्शन दिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना ने कहा कि जहां भी संभव हो सके, कोर्ट वहां डिजिटल तरीके से सुनवाई करें। वकील वर्चुअल पैरवी कर सकते हैं। दरअसल, कपिल सिब्बल समेत सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने यह मांग की थी। कोर्ट ने अपने स्टाफ के लिए मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, दिल्ली नवंबर से जनवरी तक रहने लायक नहीं है। बाकी के साल में बमुश्किल रहने लायक है। क्या इसे देश की राजधानी भी बना रहना चाहिए? उन्होंने लिखा, दिल्ली आधिकारिक तौर पर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। यहां का पॉल्यूशन लेवल खतरनाक स्तर से चार गुना ज्यादा है। दिल्ली विश्व के दूसरे सबसे प्रदूषित शहर ढाका से लगभग पांच गुना ज्यादा प्रदूषित है। ये गलत है कि हमारी सरकार सालों से बुरे सपने को देख रही है। इसके बारे में कुछ नहीं करती है।