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NEET UG 2025: परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक मशीन खराब होने से छात्र परेशान, साल बर्बाद होने का सता रहा डर

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Posted On:Monday, May 5, 2025

NEET UG 2025 परीक्षा के दौरान बायोमेट्रिक मशीनों में खराबी और अन्य अव्यवस्थाओं के कारण छात्रों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। यह घटना परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए गंभीर चिंता का कारण बन रही है, खासकर तब जब यह प्रणाली परीक्षा की शुद्धता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य मानी जाती है। यहां कुछ प्रमुख बिंदु हैं जो इस स्थिति को समझने में मदद करेंगे:

बायोमेट्रिक मशीन की खराबी

NEET UG परीक्षा में बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य था, लेकिन कई परीक्षा केंद्रों पर मशीनों के खराब होने की वजह से छात्रों को इससे संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ा। छात्रों का कहना है कि कई केंद्रों पर बायोमेट्रिक नहीं लिया गया और उन्हें बिना पूरी प्रक्रिया के परीक्षा देने दिया गया। इससे छात्रों में असमंजस और चिंता का माहौल पैदा हो गया, क्योंकि उन्हें डर था कि उनकी उपस्थिति रिकॉर्ड नहीं हो पाएगी और परिणामों में कोई दिक्कत हो सकती है।

बायोमेट्रिक न लेने पर छात्रों की चिंता

एनटीए द्वारा जारी नियमों के अनुसार, बायोमेट्रिक सत्यापन के बिना छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाती। बायोमेट्रिक में कोई गड़बड़ी पाई जाने पर यह परीक्षा के शुद्धता के लिए खतरा हो सकता है और छात्र को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में, छात्रों का यह डर भी जायज़ था कि यदि बायोमेट्रिक का डेटा ठीक से दर्ज नहीं हुआ तो उनकी उपस्थिति को लेकर सवाल उठ सकते हैं।

छात्रों की शिकायतें और हंगामा

परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी के कारण छात्रों ने शिकायत की और कई जगहों पर हंगामा भी हुआ। छात्रों ने परीक्षा केंद्र प्रभारी से जवाब मांगा, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। यह स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई, क्योंकि परीक्षा से पहले उनके द्वारा किया गया लंबा समय-समर्पण और मेहनत अब एक खतरनाक स्थिति में फंसता हुआ नजर आ रहा था।

एनटीए की जिम्मेदारी और समाधान

NEET UG परीक्षा का संचालन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की जिम्मेदारी है कि वह ऐसी तकनीकी समस्याओं का समाधान करे ताकि छात्रों को कोई परेशानी न हो। ऐसे मुद्दों पर स्पष्ट निर्देश देने की आवश्यकता है, ताकि छात्रों को यह न लगे कि उनकी परीक्षा का परिणाम किसी कारणवश प्रभावित हो सकता है। एनटीए को चाहिए कि वह बायोमेट्रिक प्रक्रियाओं में होने वाली गड़बड़ियों को सुधारने के लिए अतिरिक्त उपायों को लागू करे और छात्रों को भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचाए।

छात्र के सवालों का समाधान

इस स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि परीक्षा के बाद छात्रों को इस बारे में स्पष्ट जानकारी दी जाए कि यदि बायोमेट्रिक में कोई गड़बड़ी हुई हो, तो उनका परीक्षा परिणाम कैसे प्रभावित होगा। परीक्षा केंद्रों पर उपस्थित अधिकारियों और प्रबंधन को इस मुद्दे पर सही और शीघ्र जवाब देने की आवश्यकता है, ताकि छात्रों के मन में किसी भी प्रकार का संशय न रहे।

यह स्थिति निश्चित रूप से एक गंभीर और निराशाजनक स्थिति है, लेकिन यह परीक्षा व्यवस्था के सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करती है। एनटीए और परीक्षा केंद्रों को छात्रों के लिए सुरक्षित और परेशानी-मुक्त परीक्षा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी मुद्दों का समाधान करना होगा।


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