कल्कि को भगवान विष्णु का दसवां अवतार माना जाता है। इसे भगवान विष्णु का अंतिम अवतार भी माना जाता है। तो आइए जानते हैं भगवान विष्णु के अंतिम अवतार यानि भगवान कल्कि के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें।
वर्णन कहाँ मिलता है?
इसका वर्णन कल्कि पुराण, अग्नि पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण, भविष्यत्तर पुराण और महाकाव्य महाभारत में भी मिलता है। कल्कि पुराण और अग्नि पुराण में भविष्यवाणी की गई है कि कलियुग के अंत में भगवान विष्णु का 'कल्कि' अवतार अवतरित होगा। विष्णु के कल्कि अवतार का उद्देश्य पाप का नाश कर सत्य और धर्म की स्थापना करना होगा।
यह कैसा दिखेगा?
अग्नि पुराण के अध्याय 16 में वर्णन है कि कल्कि अवतार सफेद रंग के घोड़े पर सवार होकर तीर कमान लिए होंगे। उसके घोड़े का नाम देवदत्त होगा। यह अवतार भगवान का भक्त होने के साथ-साथ वेद-पुराणों का ज्ञाता और महान योद्धा होगा। भगवान कल्कि के गुरु, विष्णु के अवतार परशुराम जी होंगे।
भगवान विष्णु के अन्य अवतार
- पहला अवतार - मत्स्य
- दूसरा अवतार कूर्म
- तीसरा अवतार वराह
- चौथा अवतार - नृसिंह
- पांचवां अवतार - वामन देवता
- छठा अवतार - परशुराम
- सातवा अवतार - प्रभु श्रीराम
- आठवा अवतार - श्रीकृष्ण
- नौवा अवतार - महात्मा बुद्ध
- दसवां अवतार - कल्कि
आप कब और कहाँ अवतार लेंगे?
धार्मिक पुराणों के अनुसार कलयुग लगभग 432,000 वर्ष लंबा है, जिसका प्रथम चरण अभी चल रहा है। ऐसे में कलयुग के अंतिम चरण में भगवान कल्कि अवतार लेंगे। कल्कि पुराण में कहा गया है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल जिले में होगा। वे एक ब्रह्मांडीय ब्रह्मांड में पैदा होंगे। उनके पिता का नाम विष्णुयश और माता का नाम सुमति होगा।