मुंबई, 08 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 1965 की भारत-पाक जंग की 60वीं बरसी पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट लिखकर इसे देश की वीरता और एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि उस समय पाकिस्तानी सेना और जनता ने मिलकर दुश्मन के हमले को नाकाम कर दिया था और यह साबित किया था कि पाकिस्तान अपनी रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। शहबाज ने यह भी दावा किया कि उस दौर की अटूट भावना आज भी जिंदा है। हालांकि, X ने शहबाज के दावों की पोल खोलते हुए तथ्यात्मक जानकारी साझा की। प्लेटफॉर्म ने लिखा कि 1965 का युद्ध पाकिस्तान के लिए एक रणनीतिक और राजनीतिक हार थी। कश्मीर में विद्रोह भड़काने की उसकी कोशिश भारत ने नाकाम कर दी थी और उसे अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर होना पड़ा था।
शहबाज शरीफ ने आगे हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सेना और जनता बाहरी हमलों के खिलाफ एक मजबूत दीवार की तरह खड़े रहते हैं और हर बार दुश्मन के घमंड को कुचलते आए हैं। उन्होंने भारत पर लगातार उकसावे का आरोप लगाया और कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन भारत की नीतियां उसे मजबूर करती हैं कि वह अपनी रक्षा क्षमताओं को और आधुनिक और मजबूत बनाए। उन्होंने जम्मू और कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि वहां के लोग लंबे समय से आतंकवाद और दमन का सामना कर रहे हैं और उनकी आजादी की लड़ाई को बलपूर्वक दबाया नहीं जा सकता।