ताजा खबर

Iran-Isreal War: क्या ईरान से डरा अमेरिका? कतर में खाली कराया सैन्य एयरबेस, देखें सेटेलाइट तस्वीरें

Photo Source :

Posted On:Friday, June 20, 2025

ध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) एक बार फिर वैश्विक तनाव का केंद्र बन चुका है। इजरायल और ईरान के बीच जारी भीषण युद्ध में हर दिन नई घटनाएं सामने आ रही हैं। दोनों देशों के बीच मिसाइलों और हवाई हमलों का दौर चल रहा है। इस संघर्ष में अब अमेरिका की भूमिका पर भी बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है। वजह है – कतर स्थित अमेरिका का सबसे अहम सैन्य ठिकाना ‘अल उदीद एयरबेस’ को खाली किया जाना

इस फैसले ने कई राजनीतिक और सैन्य विश्लेषकों को हैरानी में डाल दिया है और सवाल यह उठ रहा है कि – क्या अमेरिका ईरान से डर गया है, या फिर यह एक गहरी रणनीति का हिस्सा है?

📍 अल उदीद एयरबेस: अमेरिका की मध्य पूर्व में रीढ़

कतर का अल उदीद एयरबेस अमेरिका के लिए मध्य पूर्व में सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस एयरबेस पर अब तक दर्जनों अमेरिकी फाइटर जेट्स, कार्गो विमान और ईंधन भरने वाले रिफिलिंग एयरक्राफ्ट तैनात थे।
यह बेस सिर्फ ऑपरेशनल ही नहीं, बल्कि यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के नियंत्रण केंद्रों में भी शामिल है, जिससे पूरे मिडिल ईस्ट में अमेरिकी ऑपरेशनों की निगरानी होती है।

लेकिन अब सैटेलाइट से मिली ताज़ा तस्वीरों में यह बेस लगभग खाली दिख रहा है। अधिकांश विमान यहां से या तो दूसरे मिडिल ईस्ट देशों में या यूरोप के एयरबेसों में शिफ्ट कर दिए गए हैं।


ईरान का खौफ या अमेरिका की नई रणनीति?

इस कदम को लेकर दो मत सामने आ रहे हैं:

1. ईरान के हमलों का डर?

माना जा रहा है कि ईरान ने युद्ध की शुरुआत के बाद अमेरिकी ठिकानों को भी संभावित निशाना बनाने की चेतावनी दी थी। ऐसे में अमेरिका ने अपने सबसे संवेदनशील बेस को खाली कर सुरक्षा के लिहाज से कदम उठाया हो सकता है

ईरान के पास मिसाइल और ड्रोन स्ट्राइक की अच्छी-खासी क्षमता है। हाल के दिनों में इराक और सीरिया में अमेरिकी ठिकानों पर हमले इसका प्रमाण हैं। अल उदीद एयरबेस, जो बिल्कुल खाड़ी क्षेत्र के केंद्र में स्थित है, उसकी भौगोलिक स्थिति अमेरिका के लिए चिंता का कारण हो सकती है।

2. रणनीतिक पुनर्संयोजन?

दूसरी थ्योरी यह भी है कि अमेरिका सीधा युद्ध में कूदने से पहले अपने संसाधनों को सुरक्षित और सही जगहों पर तैनात कर रहा है। यानी यह वापसी नहीं, बल्कि लॉजिस्टिक शिफ्टिंग हो सकती है।

सैन्य रणनीति में इसे ‘Pre-emptive Redeployment’ कहा जाता है, जिसमें युद्ध में उतरने से पहले संसाधनों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाता है ताकि हमले से पहले ही क्षति न हो।


ट्रंप का पलटता रुख

इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुरू में इजरायल का खुलकर समर्थन किया था। उन्होंने यहां तक कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो अमेरिका ईरान पर हमला करेगा। लेकिन हाल ही में उनके सुर कुछ नरम होते नजर आए हैं

व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट ने बयान दिया कि ईरान को दो हफ्तों के भीतर युद्धविराम की दिशा में प्रयास करना होगा, वरना अमेरिका कार्रवाई करेगा। यानी तत्काल युद्ध में कूदने का कोई स्पष्ट ऐलान नहीं किया गया।

ऐसे में ट्रंप की कतर एयरबेस से सैन्य हटाने की कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं –
क्या यह युद्ध से पीछे हटने का संकेत है, या सिर्फ रणनीतिक चुप्पी?


सेटेलाइट से मिले संकेत

एएफपी (AFP) और अन्य रक्षा निगरानी एजेंसियों ने जारी की गई सेटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से बताया कि

  • कतर के अल उदीद एयरबेस पर पहले मौजूद कई C-17 ग्लोबमास्टर, F-15 और KC-135 जैसे विमान अब वहां से हट चुके हैं।

  • बेस पर अब न तो विमानों की गतिविधियां हैं और न ही सामान्य सैन्य मूवमेंट।

इस तरह की तस्वीरें सामान्यतः संभावित खतरे के मद्देनज़र उठाए गए सुरक्षात्मक कदमों की ओर इशारा करती हैं।


मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन की चुनौती

अगर अमेरिका युद्ध में सीधे शामिल नहीं होता है, तो यह मध्य पूर्व के शक्ति संतुलन को कमजोर कर सकता है।

  • ईरान पहले ही रूस और चीन के समर्थन से उत्साहित है।

  • इजरायल अमेरिका की सैन्य ताकत के सहारे ही इस युद्ध में निर्णायक जीत चाहता है।

  • अमेरिका की अनिश्चितता से सऊदी अरब, यूएई जैसे सहयोगी देश भी दुविधा में पड़ सकते हैं।


निष्कर्ष: डर नहीं, रणनीति हो सकती है

कतर में अमेरिकी एयरबेस को खाली करने का मतलब यह नहीं कि अमेरिका डर गया है। यह संभव है कि अमेरिका युद्ध में शामिल होने से पहले अपने सैन्य संसाधनों को सुरक्षित करने और युद्ध की रणनीति को बेहतर बनाने के प्रयास में जुटा है।

“युद्ध का असली मोर्चा गोलियों से नहीं, रणनीति से जीता जाता है।”

अब सबकी निगाहें अगले दो हफ्तों पर टिकी हैं – क्या अमेरिका वाकई मैदान में उतरेगा या फिर यह एक नियंत्रित सैन्य संतुलन की नीति है? समय ही बताएगा कि ट्रंप का अगला कदम क्या होगा – हमला या समझौता।


झाँसी, देश और दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. jhansivocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.