इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए एकतरफा मुकाबले में 8 विकेट से बड़ी जीत हासिल की। इस मैच में केकेआर के स्टार ऑलराउंडर सुनील नरेन ने गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई। जहां एक ओर सीएसके की बल्लेबाजी पूरी तरह फ्लॉप रही और टीम महज 103 रनों पर सिमट गई, वहीं दूसरी ओर सुनील नरेन की घातक गेंदबाज़ी और विस्फोटक बल्लेबाज़ी ने केकेआर के लिए जीत का रास्ता बेहद आसान बना दिया।
गेंद से बरपाया कहर: सुनील नरेन ने तोड़ी सीएसके की कमर
मैच की शुरुआत से ही केकेआर के गेंदबाजों ने सीएसके के बल्लेबाजों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। लेकिन असली तबाही उस समय मची जब सुनील नरेन को गेंद थमाई गई। नरेन ने अपने चार ओवरों के कोटे में सिर्फ 13 रन देकर तीन विकेट झटके और सीएसके की रीढ़ तोड़ दी। उन्होंने क्रमशः राहुल त्रिपाठी, रवींद्र जडेजा और महेंद्र सिंह धोनी जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को चलता किया। उनकी गेंदों की सटीकता और विविधता ने बल्लेबाजों को पूरी तरह से बांधकर रख दिया। हैरानी की बात यह रही कि नरेन के चार ओवरों में एक भी बाउंड्री नहीं लगी, जो उनकी कसी हुई गेंदबाजी का प्रमाण है।
रिकॉर्डों की किताब में नरेन का नया अध्याय
इस मैच में नरेन ने सिर्फ विकेट ही नहीं झटके, बल्कि एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। आईपीएल इतिहास में वह पहले ऐसे गेंदबाज बन गए हैं जिन्होंने 16 बार ऐसे मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने पूरे चार ओवर डाले और एक भी बाउंड्री नहीं दी। इस मामले में उन्होंने भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने अब तक 15 बार ऐसा किया था। यह रिकॉर्ड इस बात का प्रमाण है कि नरेन ना केवल विकेट टेकिंग बॉलर हैं, बल्कि बेहद किफायती और रणनीतिक गेंदबाज भी हैं।
बल्ले से भी मचाया धमाल: नरेन की 18 गेंदों में 44 रनों की तूफानी पारी
गेंदबाजी के बाद जब बल्लेबाजी की बारी आई, तो नरेन ने फिर से सबको चौंका दिया। उन्होंने सीएसके के गेंदबाजों पर हमला बोलते हुए मात्र 18 गेंदों में 44 रन ठोक दिए। उनकी इस विस्फोटक पारी में 2 चौके और 5 लंबे छक्के शामिल थे। उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी ने सीएसके की रही-सही उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया। केकेआर ने महज 11.2 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया और यह दिखा दिया कि क्यों वह इस सीजन की सबसे संतुलित और ख़तरनाक टीमों में से एक मानी जा रही है।
टीम के अन्य खिलाड़ियों का योगदान
सुनील नरेन के अलावा केकेआर के सलामी बल्लेबाज क्विंटन डि कॉक ने 23 रनों की संयमित पारी खेली, जबकि अजिंक्य रहाणे ने 20 रन बनाकर टीम को जीत की ओर अग्रसर किया। केकेआर की बल्लेबाज़ी में जहां आक्रामकता थी, वहीं संयम और रणनीति भी साफ नज़र आई।
चेन्नई सुपर किंग्स की नाकामी
सीएसके की बल्लेबाज़ी इस मुकाबले में पूरी तरह बिखर गई। टीम के किसी भी बल्लेबाज ने टिककर खेलने का प्रयास नहीं किया। ऋतुराज गायकवाड़ और शिवम दुबे जैसे युवा बल्लेबाज भी नरेन और केकेआर के गेंदबाजों के आगे बेबस नज़र आए। पूरी टीम 103 रन पर सिमट गई, जो आईपीएल में किसी भी टीम के लिए प्रतिस्पर्धात्मक स्कोर नहीं माना जाता। धोनी के अनुभव और जडेजा की ऑलराउंड क्षमता का कोई असर इस मैच में देखने को नहीं मिला, जिससे सीएसके की हार और भी बड़ी हो गई।
रणनीति की जीत: कप्तान श्रेयस अय्यर की समझदारी
केकेआर के कप्तान श्रेयस अय्यर ने इस मुकाबले में बेहद समझदारी से गेंदबाजों का इस्तेमाल किया और सही समय पर सुनील नरेन को गेंद थमाकर मैच की दिशा ही बदल दी। उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में भी बदलाव करते हुए नरेन को ऊपर भेजा, जिसका टीम को फायदा मिला।
सुनील नरेन का आईपीएल सफर
सुनील नरेन 2012 से कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेल रहे हैं। उन्होंने अपने आईपीएल करियर में अब तक 182 मैचों में 185 विकेट लिए हैं। इसके अलावा उनके नाम पर 1659 रन भी दर्ज हैं, जिनमें एक शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं। उनका ऑलराउंड प्रदर्शन केकेआर के लिए सालों से अमूल्य रहा है और वे एक बार फिर साबित कर रहे हैं कि उम्र केवल एक संख्या है।
पॉइंट्स टेबल में सुधार
इस जीत के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स ने न सिर्फ दो अंक हासिल किए, बल्कि नेट रन रेट में भी जबरदस्त बढ़ोतरी की है। यह जीत उन्हें टॉप-4 में बनाए रखने में मदद करेगी और प्लेऑफ की दौड़ में मजबूती देगी।वहीं चेन्नई सुपर किंग्स के लिए यह हार चिंता का विषय है, खासकर बल्लेबाज़ी लाइनअप के कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए।
निष्कर्ष
आईपीएल 2025 के इस मुकाबले ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि टी20 क्रिकेट में गेंदबाजों की भूमिका कितनी अहम होती है। सुनील नरेन जैसे खिलाड़ी मैच का रुख अकेले दम पर पलट सकते हैं। गेंदबाजी में नियंत्रण और बल्लेबाज़ी में विस्फोटक अंदाज़ — दोनों का बेहतरीन मेल देखने को मिला। इस मैच के बाद केकेआर के हौसले बुलंद होंगे, जबकि सीएसके को अपनी कमजोरियों पर गंभीर मंथन करना होगा।