झांसी न्यूज डेस्क: जिला अस्पताल महोबा की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल होती जा रही है। यहां दो हड्डी रोग विशेषज्ञ तैनात हैं, लेकिन मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा। एक डॉक्टर छह माह से कुंभ ड्यूटी से वापस नहीं आए, तो दूसरे पिछले दो माह से बिना किसी सूचना के गायब हैं। नतीजतन, फ्रैक्चर या अन्य हड्डी संबंधी समस्याओं वाले मरीजों को झांसी और बांदा का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
अस्पताल आने वाले मरीज घंटों लाइन में इंतजार करने के बाद भी निराश लौटने को मजबूर हैं। यहां रोजाना 60 से 70 हड्डी रोग से संबंधित मरीज पहुंचते हैं, लेकिन डॉक्टर न मिलने से उनकी परेशानी और बढ़ जाती है। कक्ष में बैठा कर्मचारी केवल यही बता पाता है कि डॉक्टर मौजूद नहीं हैं और कब आएंगे, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
मरीजों ने भी अपनी तकलीफ बयां की। बरायं निवासी कोमल यादव ने बताया कि वह एक महीने से एड़ी दर्द से परेशान हैं और सात दिन से अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले। अब वे निजी क्लीनिक में इलाज कराने को मजबूर हैं। उरवारा निवासी भगवान सिंह बोले कि उन्हें दो महीने से दोनों पैरों में दर्द है, लेकिन डॉक्टर के अभाव में उन्हें बांदा जाना पड़ेगा।
सीएमएस डॉ. पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि डॉ. मनोज कौशिक को महाकुंभ ड्यूटी से अब तक रिलीज नहीं किया गया है। वहीं, डॉ. देव प्रकाश सिंह जुलाई से बिना सूचना के अनुपस्थित हैं। उनकी लगातार गैरहाजिरी की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। लेकिन जब तक कार्रवाई नहीं होती, तब तक मरीजों की परेशानी कम होने की उम्मीद नहीं है।