झांसी न्यूज डेस्क: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की बदहाल व्यवस्थाएं एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं। यहां मरीजों के तीमारदारों को खुद ही स्ट्रेचर खींचते हुए एक वार्ड से दूसरे वार्ड में जाते देखा गया। शुक्रवार को सामने आए एक मामले में फालिस से पीड़ित एक मरीज को उसका परिवार स्ट्रेचर पर लेकर जांच के लिए अस्पताल में खुद ही घुमाता रहा। इस दौरान उन्हें कोई वार्ड बॉय या अस्पताल स्टाफ की मदद नहीं मिली।
मरीज के परिजनों ने रास्ते में मिलने पर कॉलेज के प्रधानाचार्य से इसकी शिकायत की और बताया कि नर्स ने उन्हें स्ट्रेचर तो दे दिया, लेकिन किसी भी स्टाफ को साथ भेजने से मना कर दिया गया। हैरानी की बात यह रही कि प्रधानाचार्य के संज्ञान में लाने के बावजूद सीएमएस ने कोई मदद नहीं की और सिर्फ इतना कहा कि "ठीक है, आप चले जाओ।"
वहीं सोशल मीडिया पर एक और वीडियो सामने आया है जिसमें अस्पताल का स्टाफ स्ट्रेचर का इस्तेमाल मरीजों की जगह मेडिकल उपकरण और अन्य सामान ढोने के लिए करता नजर आ रहा है। इससे अस्पताल की लापरवाही और मरीजों के प्रति संवेदनहीनता का अंदाजा साफ लगाया जा सकता है।
इस पूरे मामले पर सीएमएस डॉ. सचिन माहुर का कहना है कि अस्पताल में ना तो स्ट्रेचर की कमी है और ना ही स्टाफ की। उन्होंने बताया कि मामला वार्ड नंबर 7 से जुड़ा है और उसकी इंचार्ज सिस्टर से जवाब मांगा जाएगा। हालांकि इससे पहले भी एक ऐसा मामला सामने आ चुका है जब एक छोटा बच्चा अपनी मां को स्ट्रेचर पर लेकर खुद ही वार्ड में ले जा रहा था, जो व्यवस्था की बदहाली की पोल खोलता है।