झांसी न्यूज डेस्क: महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रयागराज में अंतिम शाही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिससे रेलवे को अतिरिक्त प्रबंध करने पड़ रहे हैं। झांसी रेल मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ जाने से रेलवे प्रशासन को व्यवस्था संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आज झांसी स्टेशन से अकेले 25 हजार श्रद्धालुओं के प्रयागराज रवाना होने की संभावना है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए जीआरपी, आरपीएफ, जिला पुलिस और रेल प्रशासन ने विशेष सुरक्षा योजना तैयार की है, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिल सके।
झांसी रेल मंडल अब तक 90 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर चुका है, जिससे लाखों श्रद्धालुओं को प्रयागराज पहुंचने में सुविधा मिली है। इसके अलावा, बुंदेलखंड और मेमू ट्रेनों के जरिए भी बड़ी संख्या में यात्री अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं। रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 7 लाख श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान के लिए जा चुके हैं, जबकि प्रतिदिन 15 हजार से अधिक यात्री ट्रेनों में सवार हो रहे हैं। सोमवार को अपेक्षाकृत भीड़ कम थी, लेकिन फिर भी रेलवे प्रशासन ने प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया। साथ ही, देर रात झांसी पहुंची बुंदेलखंड एक्सप्रेस से भी बड़ी संख्या में यात्री प्रयागराज के लिए रवाना हुए।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एसपी जीआरपी विपुल कुमार श्रीवास्तव ने स्टेशन पर व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए हैं। उन्होंने अपने 6 इंस्पेक्टर, 12 सब-इंस्पेक्टर और 40 जवानों को तैनात किया है, जो यात्रियों को ट्रेन तक सुरक्षित पहुंचाने में मदद करेंगे। भीड़ को नियंत्रित करने और धक्का-मुक्की से बचाने के लिए पुलिस बल को प्लेटफॉर्म और ट्रेन के डिब्बों के आसपास सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, प्रत्येक ट्रेन के गेट पर दो सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी, ताकि यात्रियों को सुचारू रूप से चढ़ने और उतरने में मदद मिल सके और किसी भी अप्रिय स्थिति को रोका जा सके।
महाशिवरात्रि पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने आठ स्पेशल ट्रेनों को रिज़र्व कर रखा है, जिन्हें जरूरत पड़ने पर तुरंत संचालित किया जाएगा। सामान्य से अधिक कोच वाली ट्रेनों को भी तैयार रखा गया है, जिनमें 22 कोच लगाए जा रहे हैं, जबकि आमतौर पर अनारक्षित ट्रेनों में 12 कोच होते हैं। रेलवे प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और यात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
सुरक्षा की दृष्टि से आरपीएफ, जीआरपी, पुलिस, वाणिज्य कर्मी और सिविल डिफेंस की टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। भीड़ को व्यवस्थित करने और उन्हें सुरक्षित रूप से ट्रेन में चढ़ाने में इन सभी बलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आरपीएफ के कमांडेंट विवेकानंद नारायण ने आरपीएसएफ को भी तैयार रहने के निर्देश दिए हैं, हालांकि अभी तक उनकी तैनाती की आवश्यकता नहीं पड़ी है। रेलवे और सुरक्षा एजेंसियां पूरी मुस्तैदी के साथ व्यवस्थाओं को संभालने में जुटी हुई हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।