झांसी न्यूज डेस्क: मंसिल माता मंदिर परिसर में रविवार को सामूहिक विवाह सम्मेलन के दौरान शहनाईयों की गूंज और खुशियों का माहौल देखने को मिला। नौ जोड़े परिणय सूत्र में बंधे और एक-दूसरे के साथ जीवन भर निभाने की कसमें खाईं। मंदिर परिसर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही थी, वहीं दूसरी ओर मंडपों की साज-सज्जा, ढोलक-मजीरों की थाप और वैवाहिक गीतों से माहौल उल्लासपूर्ण हो गया था। महिलाएं उत्साह के साथ नृत्य कर रही थीं, और घराती-बराती शादी की रस्मों में व्यस्त थे। महाशिवरात्रि तक 151 गरीब कन्याओं के विवाह की योजना के तहत इस सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया था। रविवार दोपहर दूल्हों की बारात निकाली गई, जहां बारातियों ने खूब ठुमके लगाए। स्वागत समारोह के बाद जयमाला कार्यक्रम हुआ, जिसमें वर-वधू ने एक-दूसरे के गले में माला पहनाई और विवाह की रस्में पूरी की गईं।
अग्नि को साक्षी मानकर नए जोड़ों ने सात फेरे लिए और वैवाहिक जीवन की शुरुआत की। इस अवसर पर विधायक राजीव सिंह पारीछा, मंडल अध्यक्ष रुपेश नायक और विधायक प्रतिनिधि उदभव दीक्षित मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। विवाह समारोह के अंत में श्री राधा स्वरूपा महक देवी एवं अन्य अतिथियों द्वारा वर-वधू को प्रमाण पत्र सौंपे गए। मां का दल कमेटी के अध्यक्ष एवं मुख्य पुजारी पंडा सुरेश कुशवाहा दाऊ, चिन्टू कुशवाहा, आनंद कुशवाहा, जीतेंद्र कुशवाहा, लखन और मोहन अग्रवाल ने जानकारी दी कि अब तक 61 शादियां संपन्न हो चुकी हैं, और रविवार को नौ और कन्याओं का विवाह संपन्न हुआ।
नवविवाहित जोड़ों को उपहार स्वरूप घरेलू सामान, जेवर और अन्य जरूरी वस्तुएं प्रदान की गईं। वक्ताओं ने इस आयोजन को खर्चीली शादियों के बजाय एक बेहतर विकल्प बताया, जहां गरीब परिवारों की बेटियों का सम्मानपूर्वक विवाह कराया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और इस सामूहिक विवाह को सफल बनाने में योगदान दिया।