झांसी न्यूज डेस्क: झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के लिए चिन्हित किए गए 36 गांवों को लेकर किसानों में भारी नाराजगी है। गुरुवार को इन गांवों के किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। किसानों ने आरोप लगाया कि इन गांवों को सर्किल रेट से बाहर कर दिया गया है, जिससे उन्हें जमीन का वाजिब मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने सर्किल रेट बढ़ाने और कुछ अहम मांगों को बीडा की नियमावली में शामिल करने की अपील की।
प्रतिनिधियों के अनुसार, इन गांवों में 2015 से सर्किल रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि 2023 में अन्य क्षेत्रों में 20% बढ़ाया गया। किसानों ने मांग रखी कि प्लाट टू प्लाट सर्वे कराया जाए, कुएं व सड़कों की संपत्तियों को दर्ज किया जाए और तीसरी श्रेणी की जमीन का मुआवजा सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा जिन किसानों की पूरी जमीन अधिग्रहित हो रही है, उन्हें कुछ हिस्सा छोड़ा जाए ताकि वे पुनर्वास कर सकें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सारमऊ गांव में सर्किल रेट तीन गुना ज्यादा रखे जाने से जातिगत भेदभाव की स्थिति बन रही है।
किसानों का कहना है कि जब वे अपनी समस्याएं लेकर प्रशासन के पास जाते हैं तो उन्हें धमकाया और परेशान किया जाता है। इस प्रतिनिधिमंडल में सपा नेता अभिषेक यादव, चंद्रपाल सिंह यादव, संजु संग्राम सिंह, सतवीर यादव, मुकुंद सिंह, मुन्ना लाल, जितेंद्र प्रधान और झांसी सपा जिलाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह भोजला समेत कई किसान शामिल रहे। सभी ने एकजुट होकर मांग की कि किसानों की बातें गंभीरता से सुनी जाएं और उन्हें उनका हक दिया जाए।