झांसी न्यूज डेस्क: झांसी जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव को लेकर चल रहे विवाद में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने एक नया आदेश जारी किया है। काउंसिल ने संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला और सचिव केपी श्रीवास्तव की सदस्यता निलंबन के अपने ही आदेश के क्रियान्वयन पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह निर्णय दोनों अधिकारियों के पत्र पर विचार करने के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने बिना सुनवाई के आदेश पारित करने पर आपत्ति जताई थी। इस मामले में अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी।
बार काउंसिल ने 9 जनवरी 2025 को जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष और सचिव पर चुनाव कराने के निर्देशों की अवहेलना का आरोप लगाते हुए उनकी सदस्यता दो महीने के लिए निलंबित कर दी थी। 18 जनवरी को दोनों अधिकारी काउंसिल में पेश हुए और यह दावा किया कि उन्हें अपनी बात रखने का अवसर नहीं दिया गया। इस पर बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने उनकी सुनवाई की अपील स्वीकार कर आदेश के क्रियान्वयन को स्थगित कर दिया।
हालांकि, जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव कराने के संबंध में पारित आदेश प्रभावी रहेंगे। बार काउंसिल और इलाहाबाद हाईकोर्ट दोनों ने ही झांसी में अधिवक्ता संघ का चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। यह चुनाव छह महीने से विवादों में है, जबकि संघ की मौजूदा कार्यकारिणी का कार्यकाल 29 मई 2024 को समाप्त हो चुका है।
चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अब एल्डर्स कमेटी का नए सिरे से गठन किया जाएगा। सचिव केपी श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान कमेटी के दो सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है और एक सदस्य ने इस्तीफा दे दिया है। नई कमेटी के गठन के बाद यह सूची बार काउंसिल को भेजी जाएगी। इसके बाद मतदाता बनाने और ड्यू जमा कराने की प्रक्रिया शुरू होगी।
बार काउंसिल के इस नए आदेश से चुनाव प्रक्रिया की उम्मीदें बढ़ी हैं। पिछले छह महीनों से इस मामले में गतिरोध बना हुआ था। अब सभी पक्षों को सुनवाई का मौका मिलने और चुनाव की दिशा में प्रक्रिया शुरू होने से विवाद का समाधान होने की संभावना है।