झांसी न्यूज डेस्क: दुगारा साधन सहकारी समिति पर मंगलवार को किसानों को खाद लेने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। सुबह से ही चयनित गांवों के किसान समिति पर पहुंचकर लाइन में खड़े हो गए थे। लेकिन दोपहर 1 बजे तक सिर्फ टोकन बांटे गए, जबकि असली वितरण का काम दोपहर बाद ही शुरू हुआ। इस बीच तेज धूप में भूखे-प्यासे खड़े किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई किसान अपने ट्रैक्टर और बैलगाड़ी के साथ सुबह-सुबह पहुंच गए थे, लेकिन इंतजार लंबा खिंचता गया।
किसानों ने सवाल उठाए कि आखिर जब गांव चयनित कर लिए गए थे, तो फिर वितरण में इतनी देरी क्यों हुई। भीड़ अधिक होने की वजह से धक्का-मुक्की की स्थिति भी बन गई। समिति के स्टाफ ने करीब 180 किसानों को टोकन बांटे। तय प्रावधान के अनुसार, हर टोकन धारक किसान को दो बोरी डीएपी और एक बोतल नैनो डीएपी उपलब्ध कराई गई। मगर बड़ी संख्या में किसान ऐसे भी थे, जिन्हें टोकन ही नहीं मिल पाया। इससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई, क्योंकि उन्हें डर सता रहा है कि अब उनका नंबर नहीं आएगा और वे खाद से वंचित रह जाएंगे।
लठवारा निवासी आनंद पाठक ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि उनका किसान क्रेडिट कार्ड दुगारा साधन सहकारी समिति से ही जुड़ा हुआ है, फिर भी उन्हें खाद नहीं मिला। कई किसान इस बात को लेकर चिंतित दिखे कि अगर टोकन नहीं मिला तो आने वाले सीजन की फसल खतरे में पड़ सकती है। वहीं, उमेश पाठक, रानू पाठक, कौशलेंद्र कुशवाहा, महीपत सिंह, विनोद कुमार सहित बड़ी संख्या में किसान मौके पर मौजूद रहे और समिति प्रबंधन से जवाब मांगते रहे।
इस पूरे घटनाक्रम ने खाद वितरण प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। किसानों का कहना है कि समय पर खाद न मिलने से उनकी बुवाई और उत्पादन प्रभावित हो सकता है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस समस्या का समाधान कैसे करता है और क्या अतिरिक्त खाद की व्यवस्था कर उन किसानों तक पहुंचाई जाएगी, जिन्हें टोकन नहीं मिल सका।