झांसी न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के झांसी में किशोरी के गैंगरेप का मामला अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। पुलिस की जांच और सीसीटीवी फुटेज ने पूरी कहानी बदल दी है। एसएसपी ने बताया कि यह मामला एक पुराने विवाद को लेकर एक व्यक्ति को फंसाने और पैसे वसूलने के लिए पीड़िता की बुआ द्वारा रचा गया था। खुलासा होने के बाद पुलिस ने पीड़िता, उसकी बुआ और बुआ के बेटे के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। गैंगरेप की झूठी कहानी का भंडाफोड़ होने पर पुलिस ने राहत की सांस ली है।
झांसी के प्रेमनगर थाना क्षेत्र की एक किशोरी ने 20 अगस्त को आरोप लगाया था कि सुबह शौच के लिए जाते समय उसे तीन युवकों ने कार में उठा लिया और दो ने उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी राजेश एस. ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच से पता चला कि गांव में कोई कार नहीं देखी गई और पीड़िता सुबह 7 बजे अकेले गांव के बाहर ऑटो में बैठते हुए कैद हुई। इसके बाद वह झांसी के जेल चौराहे पहुंची और पैदल किला पहुंची, जो कैमरों में रिकॉर्ड हुआ।
किशोरी ने किले पर अपने बॉयफ्रेंड का इंतजार किया, लेकिन जब वह नहीं आया, तो सुबह लगभग 10.15 बजे किशोरी ऑटो से अपनी बुआ के घर पहुंची। पीड़िता की बुआ और बुआ के बेटे ने पुरानी दुश्मनी का बदला लेने और पैसे वसूलने के लिए गैंगरेप की झूठी कहानी बनाई। सीसीटीवी कैमरों ने इस साजिश का खुलासा कर दिया। एसएसपी ने बताया कि पीड़िता, उसकी बुआ और बुआ के बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया गया है।
आज सामूहिक दुष्कर्म की जांच में पूरी कहानी पलट गई है। पीड़िता ने पहले बताया था कि घर से निकलते ही एक सफेद गाड़ी में दो लोग उसे ले गए थे। लेकिन जब कैमरों की जांच की गई, तो सफेद गाड़ी कहीं नजर नहीं आई और पीड़िता अकेले जाती हुई दिखाई दी। करीब 50-60 कैमरों की जांच में पता चला कि वह अकेले ऑटो से आई और शहर में घूमने के बाद किले पर पहुंची। जब इन सीसीटीवी फुटेज को पीड़िता को दिखाया गया, तो उसने माना कि उसने जानबूझकर दो लोगों को फंसाने के लिए झूठी कहानी बनाई, जिसमें उसकी बुआ और बुआ का बेटा शामिल थे।
पीड़िता ने एक लड़के से शादी के लिए घर से निकले और रास्ते में पायल और बिछिया खरीदी। किले पर जाकर लड़के का इंतजार किया, लेकिन जब वह नहीं आया, तो उसने घर जाने के बजाय बुआ के घर जाने का निर्णय लिया। वह सुबह 10:30 से 11 बजे के बीच बुआ के घर पहुंची। बुआ और उसके बेटे ने उसे समझाकर 12 घंटे बाद सामूहिक दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया। जांच में दो निर्दोष लोग जेल से बच गए। अब फर्जी सूचना देने पर सेक्शन 22 के तहत कार्रवाई की जाएगी।