झांसी न्यूज डेस्क: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के मामलों में जौनपुर और झांसी के जिलाधिकारियों को कड़ी नाराजगी जताते हुए नोटिस जारी किया है। अदालत ने दोनों डीएम को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।
पहला मामला जौनपुर के डीएम दिनेश चंद्र से जुड़ा है। ओमकार नाथ विश्वकर्मा नाम के दिव्यांग व्यक्ति का घर 2021 में बारिश में ढह गया था। चयन के बावजूद उन्हें पीएम आवास योजना का पैसा नहीं मिला। हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने घर निर्माण जल्द कराने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर अवमानना याचिका दायर की गई और कोर्ट ने डीएम को आदेश मानने या पेश होने के लिए कहा है।
दूसरा मामला झांसी के डीएम मृदुल चौधरी का है। मऊरानीपुर के लेखपाल जय सिंह यादव और अन्य पूर्व सैनिकों ने याचिका में सेना की सेवा अवधि वेतन निर्धारण में जोड़ने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने 5 अप्रैल को आदेश दिया था कि इस पर निर्णय लें, लेकिन आदेश का पालन नहीं हुआ। अब कोर्ट ने हलफनामा देने या व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया है।
दोनों मामलों में अदालत ने साफ कहा है कि उसके आदेशों का पालन न करना गंभीर अवमानना है और अधिकारी जवाब देने के लिए तैयार रहें। अगली सुनवाई में डीएम की मौजूदगी अनिवार्य होगी।