झांसी न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने झांसी बार संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला और सचिव केपी श्रीवास्तव पर कड़ी कार्रवाई की है। पूर्व मंत्री प्रमोद शिवहरे की शिकायत पर यह निर्णय लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों अधिकारियों ने 10 सितंबर 2024 को हाईकोर्ट के आदेश और यूपी बार काउंसिल के 23 दिसंबर के निर्देशों की अवहेलना की।
जांच में पता चला कि झांसी बार संघ का कार्यकाल 29 मई 2024 को समाप्त हो गया था। इसके बावजूद, 28 अगस्त को चुनाव कराने के निर्देशों का पालन नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने 10 अगस्त को अपना चार्ज एल्डर्स कमेटी को सौंपने और 15 दिनों में चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था, लेकिन दोनों अधिकारियों ने इसे भी नजरअंदाज कर दिया।
23 दिसंबर को बार काउंसिल ने आखिरी बार चेतावनी दी थी कि यदि तुरंत चार्ज नहीं सौंपा गया, तो उनके खिलाफ अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा-35 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद आदेशों का पालन नहीं किया गया।
बार काउंसिल अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने कहा कि जांच से स्पष्ट है कि अध्यक्ष और सचिव ने हाईकोर्ट और बार काउंसिल के आदेशों का पालन नहीं किया। इसके चलते बार काउंसिल ने उनका अधिवक्ता पंजीकरण दो महीने के लिए निलंबित कर दिया है और आगामी बैठक में अनुशासनात्मक प्रस्ताव लाने की सिफारिश की है।
एल्डर्स कमेटी को तत्काल कार्यभार संभालकर एक महीने के भीतर चुनाव कराने के निर्देश दिए गए हैं। यदि ऐसा नहीं किया गया तो झांसी बार संघ का यूपी बार काउंसिल से संबद्धीकरण समाप्त कर दिया जाएगा।