झांसी न्यूज डेस्क: झांसी में समाज सुधारकों महात्मा ज्योतिबा फुले और माता सावित्रीबाई फुले पर आधारित फिल्म ‘फुले’ की रिलीज़ की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा और कहा कि फिल्म को सामंतवादी सोच रखने वाले लोग जानबूझकर रिलीज़ नहीं होने दे रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सेंसर बोर्ड और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए आरोप लगाया कि फुले फिल्म पर रोक लगाना अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सीधा हमला है। जिलाध्यक्ष अरशद खान ने कहा कि ये रोक न सिर्फ विचारों की आज़ादी पर प्रहार है, बल्कि महापुरुषों की विचारधारा को दबाने का एक सुनियोजित प्रयास है। उन्होंने कहा कि जब नफ़रत फैलाने वाली प्रोपेगैंडा फिल्मों को बिना रोकटोक रिलीज़ किया जा सकता है, तो फिर फुले जैसे महापुरुषों पर बनी फिल्म पर रोक क्यों?
महानगर अध्यक्ष ग्यादीन कुशवाहा ने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार न तो लोकतंत्र के सिद्धांतों का पालन कर रही है और न ही सामाजिक न्याय की बात करती है। उन्होंने कहा कि महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले ने समाज में शिक्षा और समानता के लिए जो योगदान दिया, उसे दबाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने मांग की कि बिना किसी कटौती के यह फिल्म जल्द से जल्द रिलीज़ की जाए।