झांसी न्यूज डेस्क: अक्सर पुलिस को लेकर लोगों की सोच सख्ती और कठोर रवैये से जुड़ी होती है, लेकिन झांसी से आई एक खबर ने इस धारणा को बदलकर रख दिया है। एक पुलिसकर्मी ने ऐसा कदम उठाया जिसने न सिर्फ एक महिला की जान बचाई, बल्कि समाज में पुलिस की संवेदनशील छवि को भी सामने लाया। मामला झांसी की एक महिला मरीज से जुड़ा है, जिसका इलाज ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान अचानक बी-नेगेटिव ब्लड की जरूरत पड़ी, जो आसानी से उपलब्ध नहीं होता।
जब हर जगह से खून की व्यवस्था नहीं हो पाई, तब ललितपुर पुलिस में तैनात मुख्य आरक्षी जितेंद्र सिंह को इस बात की जानकारी एक सामाजिक संस्था के जरिए मिली। इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए जितेंद्र सिंह ने न सिर्फ तुरंत ब्लड देने की हामी भरी, बल्कि अपने सीनियर्स से छुट्टी लेकर ग्वालियर अस्पताल भी पहुंच गए। उनके इस कदम ने वक्त पर मदद का असली मतलब दिखाया।
जितेंद्र सिंह ने बिना किसी स्वार्थ के अपना बी-नेगेटिव ब्लड उस अनजान महिला को डोनेट किया। इस रक्तदान से महिला की जान बच गई। जितेंद्र सिंह के इस नेक काम की चारों तरफ सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर भी लोग उन्हें ‘हीरो इन खाकी’ कहकर सम्मान दे रहे हैं। यह उदाहरण साबित करता है कि वर्दीधारी सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए नहीं, बल्कि समाज की सेवा के लिए भी खड़े रहते हैं।
इस घटना ने पुलिस की एक और इंसानी तस्वीर सबके सामने रख दी है। ऐसे मानवीय कार्य पुलिस और आम जनता के बीच के भरोसे को और मजबूत बनाते हैं। जितेंद्र सिंह का यह कदम बाकी पुलिसकर्मियों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है कि वर्दी सिर्फ शक्ति नहीं, संवेदना और सेवा का प्रतीक भी है।