झांसी न्यूज डेस्क: झांसी में दुबई से ऑपरेट हो रहे ऑनलाइन सट्टा गैंग का भंडाफोड़ एक दिलचस्प साइबर जांच के जरिए हुआ। पुलिस की नजर तब इस गिरोह पर पड़ी जब एक किराए के मकान में रोजाना 200-250 जीबी इंटरनेट डेटा खपत हो रही थी। राजस्थान में इसी तरह के सट्टा रैकेट पकड़े जाने के बाद झांसी पुलिस सतर्क हुई और साइबर सेल ने संदिग्ध जगहों से डेटा निगरानी शुरू की। जांच में कड़ियां जुड़ती गईं और आखिरकार पुलिस ने गुरुवार को ऑनलाइन सट्टा चला रहे 6 सटोरियों को दबोच लिया, जिनमें दो इंजीनियर भी शामिल हैं, जिन्होंने दुबई में ट्रेनिंग ली थी।
मथुरा निवासी योगेश चौधरी ने चार महीने पहले झांसी के उनाव गेट इलाके में फरीद उर्फ बाबा मिस्त्री का घर किराए पर लिया था। घर में एसी और हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन लगवाने के बाद यहां से ऑनलाइन सट्टे का कारोबार शुरू हो गया। जब राजस्थान पुलिस को अलवर में पकड़े गए सट्टा गैंग से झांसी कनेक्शन का सुराग मिला तो जांच झांसी तक पहुंच गई। साइबर सेल की मॉनिटरिंग में संदिग्ध डेटा यूज से पुलिस को यकीन हो गया और छापा मारकर छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, एक आरोपी पुलिस को चकमा देकर लैपटॉप समेत फरार हो गया।
पुलिस की पूछताछ में बड़ा नेटवर्क सामने आया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से 26 मोबाइल, तीन डायरियां, इंटरनेट राउटर और दर्जनों एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं। पुलिस को पता चला है कि सुमित, योगेश और कृष्णा नाम के मिनी एडमिन के तहत सैकड़ों एजेंट काम करते थे और इनका कारोबार हजारों करोड़ तक पहुंच चुका था। डायरियों में सराफा व्यापारियों और अन्य व्यवसायियों के नाम भी दर्ज मिले हैं, जिससे इस सट्टा रैकेट का दायरा और बड़ा माना जा रहा है।
यह गैंग चौबीसों घंटे सट्टा एप चलाता था, जिसमें अलग-अलग शिफ्ट में ऑपरेटर काम करते थे। ग्राहक से पैसा लेकर उन्हें पासवर्ड और आईडी देकर ऑनलाइन सट्टा खेलवाया जाता था। वाट्सएप के जरिए नए कस्टमर जोड़े जाते थे। इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड निशांत यादव उर्फ रोलेक्स दुबई में बैठा है, जो अब भी फरार है। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है और जांच लगातार जारी है।