झांसी न्यूज डेस्क: झांसी में एक हैरान करने वाली लापरवाही सामने आई है, जहां आईजीआरएस पोर्टल पर की गई एक गंभीर शिकायत को फर्जी तरीके से निस्तारित कर दिया गया। बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की प्रशासनिक अधिकारी पुष्पा गौतम ने दो वरिष्ठ प्रोफेसरों और एक महिला शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाए थे। यह मामला विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज अश्वनी दीक्षित को जांच के लिए सौंपा गया, लेकिन उन्होंने न तो शिकायतकर्ता से कोई पूछताछ की और न ही किसी प्रकार के साक्ष्य मांगे। इसके बावजूद 6 अप्रैल को जांच पूरी कर दी गई और फर्जी निस्तारण रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड कर दी गई।
इस रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि पुष्पा गौतम की जगह किसी दूसरी वृद्ध महिला की फोटो अपलोड कर दी गई, जो एक कुर्सी पर बैठी नजर आ रही है और उसके पास एक पुलिसकर्मी भी दिख रहा है। यही नहीं, एक पत्र भी अपलोड किया गया जिसमें लिखा था कि यह मामला विश्वविद्यालय परिसर का है, इसलिए कुलसचिव को जांच करनी चाहिए। जब पुष्पा गौतम ने खुद इस रिपोर्ट को डाउनलोड कर देखा तो हैरान रह गईं और उन्होंने तुरंत उच्च अधिकारियों को इसकी शिकायत कर दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए झांसी की एसएसपी सुधा सिंह ने नवाबाद थाना प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह, विश्वविद्यालय चौकी प्रभारी अश्वनी दीक्षित और एक अन्य पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई न केवल पुलिस की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि सिस्टम में जवाबदेही की भी अहमियत दिखाती है।