झांसी न्यूज डेस्क: झांसी जीएसटी विभाग के एडिशनल कमिश्नर के वीसी रूम में हेड क्लर्क दिलीप कुमार कश्यप का शव मिलने से हड़कंप मच गया। हैरानी की बात यह थी कि जिस कमरे में उनकी लाश मिली, उसकी कुंडी बाहर से बंद थी। जब दिलीप के फोन कॉल का जवाब नहीं मिला तो उनकी पत्नी और पिता उन्हें ढूंढते हुए ऑफिस पहुंचे। वहां उनकी बाइक खड़ी मिली, लेकिन दिलीप का कोई पता नहीं चला। देर रात जब वीसी रूम से फोन की घंटी बजी, तो परिवार को शक हुआ। दरवाजा खोलने पर वे बेड पर मृत अवस्था में मिले।
39 वर्षीय दिलीप कुमार कश्यप झांसी जीएसटी ऑफिस में हेड क्लर्क के पद पर कार्यरत थे और अपने परिवार के साथ सनफ्रान सिटी में रहते थे। उनके पिता रामप्रकाश कश्यप ने बताया कि सोमवार सुबह वह रोजाना की तरह ऑफिस गए थे। शाम को पत्नी जिज्ञासा से फोन पर उन्होंने कहा था कि थोड़ी देर में पनीर लेकर घर आ रहे हैं। लेकिन जब वे देर रात तक नहीं पहुंचे और फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया, तो परिवार को चिंता हुई। किसी तरह पता चला कि उनकी बाइक ऑफिस में ही खड़ी है, जिसके बाद उनके पिता और पत्नी पड़ोसियों की मदद से ऑफिस पहुंचे।
ऑफिस पहुंचकर चौकीदार से ताला खुलवाया गया और उनकी तलाश शुरू हुई। जब उनके मोबाइल पर दोबारा कॉल किया गया तो वीसी रूम के अंदर से घंटी बजी। कमरे की कुंडी बाहर से बंद थी, जिसे खोलने पर दिलीप का शव बेड पर पड़ा मिला। वह बिना शर्ट और जूतों के थे। परिवार वालों ने उन्हें हिलाने की कोशिश की, लेकिन वह पहले ही दम तोड़ चुके थे। यह देख परिवार सदमे में आ गया और रोने-बिलखने लगा। सूचना मिलते ही जीएसटी विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और फिर पुलिस को बुलाया गया।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। जीएसटी विभाग के एडिशनल कमिश्नर ए.के. सिंह ने बताया कि दिलीप कुमार की मृत्यु बेहद दुखद है और उनका शव वीसी रूम में मिला है। मौत के सही कारणों का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कमरे की कुंडी बाहर से कैसे बंद हुई और क्या यह किसी साजिश का हिस्सा था।