झांसी न्यूज डेस्क: झांसी में जनसुनवाई पोर्टल से जुड़ी एक गंभीर लापरवाही सामने आई है, जहां गलत रिपोर्ट दर्ज करने के मामले में नवाबाद थाने के प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई खुद झांसी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह ने की है। मामला बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से जुड़ा है, जहां की प्रशासनिक अधिकारी डॉ. पुष्पा गौतम ने उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।
डॉ. पुष्पा गौतम ने 23 मार्च को आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने अपने ही विभाग के कुछ कर्मियों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। जांच की जिम्मेदारी चौकी प्रभारी ए.के. दीक्षित को सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे विश्वविद्यालय का ‘आंतरिक मामला’ बताते हुए गंभीरता से नहीं लिया और 6 अप्रैल को शिकायत का गलत निस्तारण पोर्टल पर अपलोड कर दिया।
जांच में एक और बड़ी गलती यह पाई गई कि शिकायत से जुड़े दस्तावेजों में शिकायतकर्ता डॉ. गौतम की जगह किसी दूसरी महिला की तस्वीर अपलोड कर दी गई। इस गलती का पता चलने पर डॉ. गौतम ने उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत की। इसके बाद जब पूरे मामले की जांच दोबारा हुई तो पुलिसकर्मियों की लापरवाही और झूठी रिपोर्टिंग का खुलासा हुआ।
एसएसपी सुधा सिंह ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जनसुनवाई पोर्टल जनता की समस्याओं के निपटारे का एक प्रभावी माध्यम है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही या झूठी जानकारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने नवाबाद थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह, चौकी प्रभारी ए.के. दीक्षित और एक महिला पुलिसकर्मी को निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं। यह कार्रवाई सरकारी तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है।