झांसी न्यूज डेस्क: झांसी के एक निजी अस्पताल में महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा मचाया और आरोप लगाया कि गलत इलाज के कारण उनकी जान गई। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर की मौजूदगी के बिना सफाई कर्मियों ने महिला को इंजेक्शन लगा दिया था, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद एक गोली दी गई, जिससे उनकी मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, और मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की रहने वाली 28 वर्षीय क्रांति, जो अपने भतीजे की शादी में शामिल होने के लिए झांसी आई थी, 16 अप्रैल को हादसे का शिकार हो गई थी। शादी में शामिल होने के बाद वह अपने भाई के घर आंगन में सो रही थी, तभी आंधी के कारण छप्पर से एक ईंट उसके पेट पर गिर गई। इससे उसके कूल्हे में हल्का फ्रैक्चर हो गया, जिसके बाद परिजन उसे झांसी मेडिकल कॉलेज ले गए। यहां डॉक्टरों ने मामूली फ्रैक्चर बताया और एक-दो दिन में ठीक होने की बात कही। हालांकि, बाद में उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
लेकिन क्रांति की हालत खराब होने के बाद परिजनों ने उसे झांसी के ऑर्थोपेडिक एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया। यहां मेडिकल स्टाफ ने उसे एक इंजेक्शन दिया और स्थिति बिगड़ने पर बाहर से दवाई दी। लेकिन दो घंटे बाद क्रांति ने दम तोड़ दिया। मृतिका के बहनोई और भतीजे ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण क्रांति की मौत हुई। परिजनों ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है और दोषी डॉक्टरों और अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।