झांसी न्यूज डेस्क: झांसी में एक प्राइवेट बैंक के रिलेशनशिप ऑफिसर (RE) योगेश दीक्षित ने गुरुवार को ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि वह सुबह अपने घर से बैंक में इस्तीफा देने निकले थे, लेकिन रास्ते में प्रयागराज रेलवे लाइन पर पहुंचकर उन्होंने ट्रेन के सामने छलांग लगा दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि उनका शव कई टुकड़ों में बंट गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
परिजनों का आरोप है कि बैंक के सीनियर मैनेजर द्वारा किए गए उत्पीड़न के कारण योगेश इस हद तक परेशान हो गए थे कि उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। परिवार के मुताबिक, करीब छह महीने पहले एक ग्राहक ने अपने प्लॉट पर लोन के लिए आवेदन किया था, लेकिन बैंक के सीनियर मैनेजर ने योगेश की आईडी का इस्तेमाल करके 26 लाख रुपये का लोन पास कर दिया। लोन के तहत दो साल के भीतर प्लॉट पर मकान बनाना अनिवार्य था, लेकिन यह शर्त ग्राहक को नहीं बताई गई, जिससे बाद में समस्या उत्पन्न हुई।
मृतक के छोटे भाई संयोग दीक्षित ने बताया कि जब उनके भाई को इस फर्जीवाड़े के बारे में पता चला, तो वह मानसिक रूप से काफी तनाव में आ गए थे। सीनियर मैनेजर उन पर लगातार दबाव बना रहा था, जिससे परेशान होकर योगेश छुट्टी लेकर उरई चले गए थे। वहां उन्होंने अपने भाई से अपनी सारी परेशानियां साझा की थीं। गुरुवार को जब वह घर से इस्तीफा देने निकले, तो किसी को अंदाजा नहीं था कि वह ऐसा कठोर कदम उठा लेंगे।
पुलिस अधीक्षक नगर रामवीर सिंह ने जानकारी दी कि यह घटना झांसी के सदर बाजार स्थित हंसारी रेलवे क्रॉसिंग के पास हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, योगेश वहां अपनी बाइक खड़ी करके रेलवे ट्रैक की ओर चले गए। सुबह करीब 11 बजे प्रयागराज से झांसी की ओर आ रही महाकुंभ स्पेशल ट्रेन जैसे ही हंसारी रेलवे क्रॉसिंग के पास पहुंची, योगेश ने अचानक ट्रैक पर छलांग लगा दी। ट्रेन की टक्कर से उनका शरीर करीब 50 मीटर तक बिखर गया।
परिवार ने बताया कि योगेश की शादी 10 महीने पहले दीपिका से हुई थी। वह जल्द ही एसबीआई बैंक में नई नौकरी जॉइन करने वाले थे। उनका सेलेक्शन हो चुका था और 10 मार्च को उनकी ज्वाइनिंग थी। लेकिन बैंक में चल रही परेशानियों और सीनियर मैनेजर के लगातार दबाव ने उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया।
घटना के बाद बैंक के रीजनल मैनेजर ने परिजनों के सभी आरोपों को गलत बताया है। उनका कहना है कि बैंक में कोई अनियमितता नहीं हुई और न ही योगेश पर किसी तरह का कोई दबाव डाला गया था। हालांकि, परिवार की ओर से मिली शिकायत के आधार पर पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों के बयान दर्ज कर लिए हैं। तहरीर मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या योगेश की आईडी का गलत इस्तेमाल हुआ था और क्या बैंक मैनेजर के खिलाफ कोई ठोस सबूत मिल सकता है। इस घटना ने बैंकिंग सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों के मानसिक तनाव और कार्यस्थल पर हो रहे उत्पीड़न के मुद्दे को फिर से उजागर कर दिया है।