मुंबई, 12 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मणिपुर हिंसा पर हम संसद में शुरू से चर्चा करने के पक्ष में थे। विपक्ष के लोग सिर्फ राजनीति करना चाहते थे। वे अविश्वास प्रस्ताव लाए, फिर वोटिंग से भाग गए। विपक्ष ने मणिपुर के साथ धोखा किया। मोदी ने यह बात पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हो रहे भाजपा के पंचायती राज परिषद कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कही। PM ने बंगाल और मणिपुर हिंसा पर विपक्ष के रवैये और अपने 9 साल के कार्यकाल पर भी बात की।
PM ने कहा कि मानसून सत्र की शुरुआत से पहले होम मिनिस्टर अमित शाह ने सभी पार्टियों से कहा था कि वे मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन विपक्ष ने मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दी, क्योंकि वे जानते थे कि मणिपुर का सच सबसे ज्यादा उन्हें ही चुभेगा। विपक्ष लोगों के बारे में नहीं सोचता, उसे सिर्फ अपनी राजनीति से मतलब है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को हराया और पूरे देश में नकारात्मकता फैलाने वालों को करारा जवाब दिया। विपक्ष के सदस्य संसद बीच में ही छोड़कर चले गए। सच तो यह है कि वे अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से डर गए थे, क्योंकि वोटिंग होती तो घमंडिया गठबंधन की पोल खुल जाती।
मोदी ने यह भी कहा, पिछले 50 सालों से हम गरीबी हटाओ का नारा सुन रहे हैं, लेकिन वे गरीबी नहीं हटा पाए। जो काम वे 5 दशकों में नहीं कर सके, वो भाजपा सरकार ने इतने कम समय में करके दिखाया। हम लोग गरीबी को जीकर आए हैं। हमें पता है कि गरीबी की समस्याओं की जड़ कहां हैं। इसलिए हम जड़ों से गरीबी को काट पा रहे हैं। हमने जलजीवन मिशन की शुरुआत की थी। तब देश के 20% से भी कम ग्रामीणों परिवारों तक नल से जल की सुविधा थी। आज 60% से भी ज्यादा ग्रामीण परिवारों को नल से पानी मिल रहा है। मिजोरम में 4 साल पहले तक केवल 6% घरों में पाइप से पानी पहुंचता था। आज यह आंकड़ा 90% से ज्यादा है। हमने 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई है। इनमें से 13 हजार गांव नॉर्थ-ईस्ट के थे। जो लोग आज मणिपुर-मणिपुर कर रहे हैं कि उनको कभी यह ख्याल नहीं आया कि पूर्वी भारत में 13 हजार गांव अंधेरे में थे।