मुंबई, 07 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। गुजरात हाईकोर्ट ने मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की 2 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा, इस केस के अलावा राहुल के खिलाफ कम से कम 10 केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहा, कि हम अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, इस फैसले के 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके अगले दिन 24 मार्च को राहुल की सांसदी चली गई थी।
जस्टिस हेमन्त प्रच्छक ने कहा, राहुल के खिलाफ कम से कम 10 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। इस केस के अलावा उनके खिलाफ कुछ और केस फाइल किए गए हैं। एक तो वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है। किसी भी हाल में सजा पर रोक नहीं लगाना अन्याय नहीं है। इस केस में सजा न्यायोचित और उचित है। राहुल गांधी ऐसे आधार पर सजा पर रोक की मांग कर रहे हैं, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। सूरत कोर्ट के फैसले में दखल की आवश्यकता नहीं है। याचिका खारिज की जाती है। वहीं, राहुल गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। अगर राहुल को इस केस में वहां राहत मिल जाती है तो उनकी सांसदी बहाल हो जाएगी और वे 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो वे 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
तो वहीं, याचिकाकर्ता भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने कहा कि हम हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि मानहानि करने के मामले में राहुल आदतन अपराधी हैं। फैसला के बाद दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में नारेबाजी की। 3 बजे अभिषेक मनु सिंघवी की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। दरअसल, राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इसके बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था।