मुंबई, 24 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सरकार ने नई पेंशन स्कीम की जगह अब सरकारी कर्मियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी एकीकृत पेंशन योजना लॉन्च करने का फैसला किया। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर सहमति बनी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, 'UPS एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। इसका फायदा 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को होगा।' उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को कॉन्ट्रिब्यूट करने की जरूरत नहीं होगी सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का साढ़े 18% कॉन्ट्रिब्यूट करेगी। न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी को 10% अपनी बेसिक सैलरी का कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है। सरकार 14% देती है।
आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कर्मचारियों के नेताओं के साथ अपने आवास पर बैठक की। कार्मिक मंत्रालय ने इसके संबंध में 21 अगस्त को एक नोटिस जारी किया गया था। बैठक ऐसे समय पर हुई, जब 2 राज्यों जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। पिछले 10 साल में यह पहली बैठक है, जिसमें प्रधानमंत्री और केंद्रीय कर्मचारियों की नेशनल काउंसिल यानी जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सदस्य शामिल होंगे। बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), न्यू पेंशन स्कीम (NPS) और 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चा हो सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट पेश करते हुए NPS में सुधार की बात कही थी। वहीं, संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जवाब दिया था कि सरकार OPS बहाली पर कोई विचार नहीं कर रही है।
रेलवे के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉई फेडरेशन ने प्रधानमंत्री की बैठक का बहिष्कार किया है। ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉई फेडरेशन के महासचिव सी श्रीकुमार ने बताया कि संगठन PM मोदी के साथ होने वाली बैठक में हिस्सा नहीं लेगा। इसकी वजह ये है कि बैठक में OPS बहाली नहीं बल्कि NPS में सुधार को लेकर चर्चा होगी। संगठन पहले ही कह चुके हैं कि कर्मचारियों को OPS ही चाहिए। बता दें कि ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉई फेडरेशन ने 15 जुलाई को वित्त मंत्रालय की बैठक का भी बहिष्कार किया था। कर्मचारी संगठनों ने OPS बहाली को लेकर 29 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था। पत्र में मांग की गई थी कि सरकार NPS बंद करे और गारंटीकृत ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करे। मांग पूरी ने होने पर संगठनों ने 1 मई 2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कही थी। बाद में सरकार की ओर से चर्चा का आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल टाल दी गई थी।