उत्तर भारत में इस साल की गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में पारा 45 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इस प्रचंड गर्मी के कारण लू लगने, डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जो संकेत देता है कि अगले 48 घंटे और भी खतरनाक हो सकते हैं। खासतौर पर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार लोगों के लिए यह स्थिति अधिक संवेदनशील है। ऐसे में अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखना बहुत जरूरी हो जाता है।
गर्मी का मानसिक स्वास्थ्य पर असर
गर्मी का असर सिर्फ शरीर तक सीमित नहीं रहता, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। लगातार बढ़ते तापमान के कारण नींद की कमी, चिड़चिड़ापन, थकावट और तनाव जैसी मानसिक समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गर्मी की वजह से ब्रेन में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन्स (जैसे कोर्टिसोल) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे मूड खराब होता है और डिसीजन लेने की क्षमता प्रभावित होती है। शहरों में, जहां तापमान और भी ज्यादा महसूस होता है, ये मानसिक दबाव और बढ़ जाता है।
दिल और दिमाग पर गर्मी का खतरनाक असर
गर्म मौसम में दिल के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी होती है क्योंकि ज्यादा गर्मी से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ सकती है और हार्ट अटैक का खतरा भी होता है। इसके अलावा मांसपेशियों में ऐंठन, कमजोरी, चक्कर आना और बेहोशी जैसी समस्याएं भी गर्मी में आम हो जाती हैं। जब शरीर का तापमान बहुत बढ़ जाता है, तो थर्मोरेगुलेशन यानी गर्मी को सहने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे हीट स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति हो सकती है, जो जानलेवा भी साबित हो सकती है।
खुद को गर्मी से बचाने के उपाय
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, गर्मी में सबसे जरूरी है खुद को हाइड्रेटेड रखना। इसके लिए दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके अलावा ORS, नींबू पानी जैसे पेय पदार्थ भी शरीर को ठंडक पहुंचाने में मदद करते हैं।
कुछ जरूरी सुझाव:
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हल्के रंग और सूती, ढीले कपड़े पहनें ताकि शरीर ठंडा रहे।
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दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक बाहर निकलने से बचें क्योंकि इस दौरान तापमान सबसे अधिक होता है।
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बुजुर्गों, छोटे बच्चों और बीमार लोगों की विशेष देखभाल करें।
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घरों में पंखे या कूलर के साथ नेचुरल वेंटिलेशन की व्यवस्था रखें ताकि ताजी हवा आती रहे।
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दिन में कम से कम एक बार ठंडे पानी से स्नान करें।
डाइट में बदलाव जरूरी
गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के लिए भोजन में कुछ बदलाव करना चाहिए:
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तरबूज, खरबूज, खीरा जैसे ठंडी तासीर वाले फल अधिक खाएं।
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तली-भुनी, भारी और मसालेदार खाने से बचें।
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दिन में 3-4 बार हल्का और हाइड्रेटिंग भोजन लें।
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दही, छाछ, नारियल पानी जैसे पेय पदार्थों को डाइट में शामिल करें, ये शरीर को ठंडक देते हैं।
कामकाजी लोगों के लिए टिप्स
गर्मी से निपटने के लिए विशेष रूप से मजदूर, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी आदि को सावधानी बरतनी चाहिए।
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ये लोग धूप से बचने के लिए टोपी, धूप का चश्मा और गीले कपड़ों का इस्तेमाल करें।
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ऑफिस जाने वाले लोग बाहर का भारी खाना खाने की बजाय हल्का भोजन साथ लेकर जाएं और हमेशा पानी की बोतल साथ रखें।
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कंपनियों को चाहिए कि वे अपने कर्मचारियों को फ्लेक्सिबल वर्क ऑवर्स या वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दें ताकि गर्मी के खतरों से बचा जा सके।
निष्कर्ष
उत्तर भारत की इस भीषण गर्मी में सावधानी और सही देखभाल ही हमें सुरक्षित रख सकती है। पानी की कमी न होने दें, अपने खान-पान और दिनचर्या में आवश्यक बदलाव करें और विशेष रूप से कमजोर वर्गों का ख्याल रखें। इस मौसम में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, ताकि हम गर्मी की मार से सुरक्षित रह सकें।