तीन साल पहले जब जर्सी सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी, तब इसने दर्शकों को भावनाओं के मैदान में क्लीन बोल्ड कर दिया था। आज भी ये फिल्मदर्शकों के दिलों में ज़िंदा है, जैसे कोई यादगार मैच। इस खास मौके पर, पेन मूवीज ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा किया: "तीन सालहुए 'जर्सी' को — और ये अब भी मैदान में चौके-छक्के मार रही है। एक ऐसी फिल्म जिसने हमें इमोशन्स से भर दिया और हर सीन सीधा दिल मेंजाकर लगा!"
2022 में रिलीज़ हुई जर्सी निर्देशक गौतम तिन्ननुरी की हिंदी डेब्यू फिल्म थी, जो उनकी 2019 में बनी तेलुगु फिल्म का ही रीमेक थी। फिल्म में शाहिद कपूर ने एक ऐसे क्रिकेटर का किरदार निभाया था जो सालों बाद मैदान में सिर्फ अपने बेटे की एक मासूम ख्वाहिश — एक जर्सी — को पूरा करने के लिए लौटता है। ये वापसी ना शोहरत के लिए थी, ना ट्रॉफी के लिए, बल्कि एक बाप के टूटे सपनों और बेटे के भरोसे की कहानी थी। शाहिदके साथ मृणाल ठाकुर और पंकज कपूर ने भी फिल्म की भावनात्मक गहराई में अहम योगदान दिया।
गीता आर्ट्स, दिल राजू प्रोडक्शंस, सितारा एंटरटेनमेंटस और ब्रेट फिल्म्स के बैनर तले बनी यह फिल्म भले ही बॉक्स ऑफिस पर धमाका ना कर पाईहो, लेकिन दिलों में अपनी जगह पक्की कर गई। शाहिद की गहराई से की गई परफॉर्मेंस, अमित त्रिवेदी का शानदार संगीत और फिल्म कीसंवेदनशील कहानी ने दर्शकों को बेहद प्रभावित किया।
वक़्त के साथ जर्सी एक साइलेंट कल्ट क्लासिक बन चुकी है। एक ऐसी फिल्म जिसे लोग बार-बार देखना पसंद करते हैं — सिर्फ क्रिकेट के लिएनहीं, बल्कि उसके दिल से जुड़े इमोशन्स के लिए। ये फिल्म सिखाती है कि कुछ जीतें ट्रॉफी उठाने से नहीं, बल्कि आखिरी बार कोशिश करने सेमिलती हैं।
तीन साल बाद भी जर्सी हमें यही याद दिलाती है — कि असली जीत मैदान में नहीं, दिल में होती है।
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